25 वर्षों से चल रही शोषणकारी अतिथि विद्वान व्यवस्था का अंत हो-महासंघ
डॉ. अनिल जैन रीवा/भोपाल
जैसे जैसे चुनावी दंगल शुरू हो रहा है वैसे ही रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों की मांग भी जोर पकड़ने लगी है।इसी तारतम्य में एक दिवसीय रीवा दौरे पर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात किया।जिस पर अतिथि विद्वानों ने शिवराज सिंह चौहान को अपना वादा याद दिलाया।
जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा की आपकी मांगों पर सरकार गंभीर है और आपके हित में जल्द ही निर्णय लेगी।जैसा की विदित है कि विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई भाजपा नेता अतिथि विद्वानों के चर्चित आंदोलन में शिरकत कर नियमितीकरण भविष्य सुरक्षित करने का वादा कर चुके थे।यही अतिथि विद्वानों ने कहा योग्यता और अनुभव दोनो है फिर नियमित क्यों नहीं।प्रतिनिधिमंडल में डॉ रघुवेंद्र मिश्र,डॉ सच्चिदानंद मिश्रा,डॉ रविशंकर द्विवेदी,डॉ संतोष तिवारी शामिल रहे।
रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा दे रहे उच्च शिक्षा विभाग की रीढ़ महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित कर नियमितीकरण की बात की है मुख्यमंत्री से जिस पर उन्होंने कहा है कि आप लोगो की चिंता है जल्दी ही आपकी मांग मानी जाएगी।लेकिन जब तक आदेश नहीं निकल जाता तब तक अतिथि विद्वानों को यकीन नहीं होगा।पिछले 25 वर्षों से चली आ रही इस शोषणकारी अतिथि विद्वान व्यवस्था का अंत होना चाहिए और एक व्यवस्थित नीति बनाकर अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करे सरकार।
-डॉ आशीष पांडेय
मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ/मोर्चा