भोपाल। सरकारी वकीलों की नियुक्तिायों के लिये विभिन्न विभागों में खींचतान मची हुई है और सीधे प्रमुख सचिव (विधि) को प्रस्ताव भेजे जा रहे है, विधि विभाग ने इस पर ऐतराज जताया है। इस बीच हाईकोर्ट में पदस्थ सरकारी वकीलों का कार्यकाल एक माह बढ़ा दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिये कई वकीलों लामबंद है वे विभिन्न विभागों के मुखिया व प्रभावशाली लोगों के जरिये सीधे प्रमुख सचिव विधि को विवरण सहित चि_ी पहुंचवा रहे है और अनुशंसा करवा रहे है ताकि उनकी नियुक्तियां हो सके जबकि नियुक्ति के लिये अलग से प्रक्रिया तय है जिसका वर्णन 11-8-2014 के सरक्युलर में है किंतु प्रक्रिया को दरकिनार कर ढ़ेरों अनुशंसाएं व प्रस्ताव प्रमुख सचिव, विधि के पास दस्तखत कराने हेतु पहुंच रही थी। प्रक्रिया का पालन नहीं होने से इन अनुशंसाओं/प्रस्तावों का परीक्षण नहीं हो पा रहा है। बहरहाल इसके चलते विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव बीके द्विवेदी ने एक पत्र जारी कर सभी सरकारी विभागों को कहा है कि वे प्रक्रिया का पालन करें और ताकीद दी है कि सीधे ऐसे प्रस्ताव नहीं भेजें। इस बीच पिछले साल सरकार ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में उसकी ओर से पैरवी के लिये सरकारी वकीलों की नियुक्तियां की थी जिनका कार्यकाल 16 फरवरी को समाप्त हो रहा था। इसके चलते नई नियुक्ति पाने के लालयित कई वकील अपने-अपने स्तर पर लगे हुए थे लेकिन नई नियुक्तियों पर कोई सहमति नहीं बन पार्इं और सरकार ने फौरी तौर पर इंदौर के अलावा जबलपुर व ग्वालियर में वर्तमान में कार्यरत वकीलों का ही कार्यकाल एक माह के लिये बढ़ा दिया है। इधर कार्यकाल बढऩे के बाद भी इन पद के कई दावेदार अपनी नियुक्तियों के लिये विभिन्न स्तर पर प्रयासरत है और जुगाड़ जमा रहे है ताकि भविष्य में उनका दावा पुख्ता हो सकें। अब संभवत: मार्च के दूसरे पखवाड़े में वकीलों की नई सूची जारी होगी।
Udyam Registration Number : UDYAM-MP-35-0005861
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