डॉ. अनिल जैन
उमरिया/भोपाल।रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर फिर सूबे की सियासत गर्म होने लगी है।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बड़ा बयान आया है।
जैसा की विदित है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ एक दिवसीय दौरे पर उमरिया जिला में थे वहीं अतिथि विद्वानों का प्रतिनिधिमंडल मिला और उनसे निवेदन किया अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करवाएं।अतिथि विद्वान दो दशकों से ज्यादा समय से उच्च शिक्षा में सेवा दे रहे हैं लेकिन भविष्य सुरक्षित नहीं है जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा की आपकी मांग जायज़ है आपका जिक्र हम वचन पत्र में किए थे साथ ही अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर जीतू पटवारी के नेतृत्व में नोटशीट तैयार कर ली गई थी पर अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर चुनी हुई सरकार गिरा दी गई लेकिन आप लोग धैर्य रखिए सरकार बनते ही उसी नोटशीट पर काम होगा।मिलने में डॉ प्रमोद तिवारी,डॉ कीर्ति तिवारी,डॉ राजेंद्र पटेल,डॉ राजीव तिवारी,डॉ मनीषा पाण्डेय आदि सैकड़ों अतिथि विद्वान शामिल रहे।
इनका कहना है-
महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान हमेशा राजनीति के शिकार हुए हैं,ये सही बात है की कांग्रेस ने नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी 12 माह में ही।पर अभी हमें उम्मीद है की 18 साल से लगातार मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान जी अपना वादा पूरा कर नियमित करेंगे।अनिश्चित भविष्य और आर्थिक बदहाली के बावजूद अतिथि विद्वान सेवा दे रहे हैं।2023 के पहले अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित हो नहीं तो बड़े फैसले पर विचार करेगा संघ।
-डॉ आशीष पांडेय मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ/मोर्चा