सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के अनुसार ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को ग्रेनेड के कभी भी फटने का खतरा था। इसके बावजूद सर्जन मेजर जनरल एंड्री वर्बा ने सफलतापूर्वक सर्जरी की और ग्रेनेड को बाहर निकाल लिया। ग्रेनेड को फटने से रोकने के लिए दो अन्य सैनिकों की इस साहसिक ऑपरेशन में मदद ली गई। यूक्रेनी सेना के सबसे अनुभवी सर्जनों में से एक मेजर जनरल एंड्रयू विलो ने बताया कि हमारे सैन्य डॉक्टरों ने एक वीओजी ग्रेनेड को निकालने के लिए एक ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन दो बम निरोधक दस्ते के सैनिकों की मौजूदगी में चला जिन्होंने डॉक्टरों और रोगी की सुरक्षा की निगरानी की। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को बिना इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन के अंजाम दिया गया क्योंकि उससे ग्रेनेड के फटने का खतरा था।

यूक्रेनी सेना ने ऑपरेशन के दौरान सैनिक के छाती की एक्सरे तस्वीरें भी जारी की। इसमें सैनिक के सीने में ग्रेनेड सटीक स्थान पर दिखाई दिया। एक अन्य तस्वीर में सर्जन को ऑपरेश के बाद हाथों में ग्रेनेड पकड़े दिखाया गया है।