–2 महीने से टूटी पड़ी है पुलिया, हार्वेस्टर खेतों तक नही पहुंचने से किसान सोयाबीन कटवाने को लेकर परेशान
-पुलिया बह जाने के बाद भी नहीं ली जिम्मेदारों ने सुध, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर
-सापन नदी पर 3:45 लाख से 2 वर्ष पहले हुआ था पुलिया निर्माण
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
सांची ब्लॉक के नरखेड़ा पंचायत अंतर्गत आने वाले खेड़ा गांव के रास्ते पर सांपन नदी बनी पुलिया बरसात में बह जाने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी कुछ साल पहले ही नदी पर यह पुलिया बनी थी जो बरसात में बह गई। जिससे यहां से लगभग 4 से 5 गांवों के लोगों का आवागमन है। वहीं किसानों को भी अपनी खेती पर जाने के लिए ट्रैक्टर हार्वेस्टर इसी नदी की पुलिया पर से होकर गुजरना पड़ता है। मगर पुलिया बह जाने से किसान खेतों पर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे उनकी सोयाबीन की फसल काटने हार्वेस्टर भी नहीं जा पा रहा है। वहीं आने वाले रबी सीजन की बोनी करने के लिए भी ट्रैक्टर खेतों तक नहीं पहुंच पाएंगे। जिसकी वजह से किसानों को बड़ी समस्या हो रही है।ऐसे में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी में से निकल रहे हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लगभग 2 महीने हो चुके हैं इस पुलिया को बहे हुए लेकिन अभी तक किसी ने भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस और ध्यान नहीं दिया है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर कई जगह शिकायत भी की हैं महर कोई निराकरण नहीं हुआ है।
किसान और स्कूली छात्रों की बढ़ी मुसीबत, दुर्घटना का रहता है डर–
कई किसानों की जमीन नदी के उस पार पड़ती है। पुलिया के दोनों तरफ की मिट्टी बह जाने के कारण ट्रैक्टर ट्राली भी नहीं जा पा रही है। वहीं बच्चे इसी मार्ग से होते हुए हाई सेकेंडरी स्कूल, बेरखेड़ी चौराहा के स्कूल तक जाते हैं। क्योंकि खेड़ा में पांचवी कक्षा तक ही स्कूल है। पुलिया बह जाने के कारण बच्चे अब स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं। छात्रा मीनाक्षी लोधी, पूनम लोधी, नव्या लोधी ने बताया कि सभी गांव सड़क बनाकर मुख्यधारा से सरकार जोड़ रही है। तो हमारे गांव की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। पुलिया टूटने के कारण स्कूल नहीं गए और अनहोनी की आशंका के कारण मम्मी-पापा भी स्कूल नहीं जाने दे रहे हैं। जिम्मेदार को जल्द से जल्द सड़क व पुलिया का निर्माण करवाना चाहिए, ताकि परेशानी का हल हो सके।
2 वर्ष पहले ही 3 लाख 45 हज़ार रुपए लागत से सरार पंचायत ने किया था निर्माण–
सांची जनपद की सरार पंचायत ने 2 वर्ष पहले ही लाखों रुपए की लागत से सापन नदी पर पुलिया निर्माण किया था। जो घटिया निर्माण के चलते पहली बारिश में ही बह गई। जबकि इसी पुलिया से होकर लगभग 5 गांवों के सैंकड़ों ग्रामीण आवागमन करते हैं। इस पुलिया के आसपास दो ग्राम पंचायतों नरखेड़ा और सरार के ग्रामीण निवास करते हैं।जिनका गांव तक जाने के लिए यही मुख्यमार्ग हैं। पुलिया बह जाने से ग्रामीणों को अब अपनी जान जोखिम में डालकर नदी के पानी में से निकलना पड़ रहा है।लेकिन पुलिया बहने के 2 महीने बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारियों का इस और ध्यान नही देना लापरवाही की और इशारा करता है। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक व स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से मांग करी है कि शीघ्र ही इस पुलिया का निर्माण कार्य पुनः किया जाए।
इनका कहना है-
2 साल पहले ही पुल का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। घटिया निर्माण के चलते बारिश के महीने में पुलिया टूट गई। अब किसानों सहित स्कूली छात्र छात्राएं नदी के पानी मे से होकर निकलते हैं।शासन प्रशासन से मांग है कि शीघ्र ही इस पुलिया का पुनः निर्माण किया जाए।
हल्केराम लोधी, स्थानीय ग्रामीण
हमारी सोयाबीन की फसल पककर तैयार है। लेकिन पुलिया टूटने के कारण हार्वेस्टर खेतों तक नही पहुंच पा रहा है। अगर शीघ्र ही पुलिया का निर्माण नही हुआ तो हमारी सोयाबीन फसल बर्बाद हो जाएगी। जिससे हमें लाखों रुपए का नुकसान हो जाएगा।
भारत सिंह, स्थानीय कृषक
पुलिया टूटने से 4इसे 45 गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। 2 महीने से पुलिया टूटी हुई पड़ी है। कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान ही नही दे रहे हैं।
विशाल लोधी, स्थानीय ग्रामीण