आज 09 सितंबर, शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी तिथि पर गणेश विसर्जन किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाला गणेशोत्सव पर्व अनंत चतुर्दशी तिथि पर घरों और बड़े-बड़े पांडालों में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाएगा। सुख,समृद्धि और विघ्नहर्ता भगवान गणेश को भाद्र पद माह की चतुर्थी तिथि पर विधि-विधान के साथ पूजा करते हुए घर पर स्थापित किया जाता है और अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन के साथ समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेशजी का जन्म भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि के दिन हुआ था। भगवान गणेश सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता हैं। इसके अलावा सभी तरह के शुभ कार्यों में भगवान गणेश की पूजा व स्मरण जरूर किया जाता है। क्योंकि ऐसी मान्यता है शुभ कार्य को करने से पहले अगर भगवान गणेश की पूजा की जाए तो कार्यों में बाधाएं नहीं आती और कार्य सफल होता है।
गणेश विसर्जन का महत्व
सनातन धर्म में भगवान गणेश को बु्द्धि, वाणी, विवेक और समृद्धि के देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है गणेश पूजा से सभी तरह की परेशानियां खत्म हो जाती है। गणेश पूजा से सभी प्रकार के वास्तु संबंधी दोष फौरन दूर हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन हुआ था इसी कारण से गणेश चतुर्थी पर घर पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हुए 10 दिनों तक विधि-विधान से इनकी पूजा आराधना की जाती है। फिर 10वें दिन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी प्रतिमा का विसर्जन करते हुए उनका आशीर्वाद लिया जाता है।