राजीव जैन औबेदुल्लागंज रायसेन
स्वाद और विवाद दोनों छोड़ दो स्वाद छोड़ेंगे तो शरीर को फायदा होगा एवं विवाद छोड़ेंगे तो समाज को फायदा ,जीवन पानी का बुलबुला है मिट्टी की देह मिट्टी में मिल जाते है सारे पारिवारिक संबंध झूठे हो जाते हैं धर्मी की जीत ही केवल जीव का परम साथी है इस लिए कहता हूं योगी योगी बनो या ना बनो परंतु जीवन में कभी कहीं किसी के लिए उपयोगी जरूर बनना यही इस जीवन की उपयोगिता है उक्त बात चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम शिष्य ब्रह्मचारी मनोज भैया सोनीपत ने पर्यूषण पर्व के दौरान उत्तम तप धर्म के बारे में व्याख्या करते हुए कही ।
ब्रह्मचारी मनोज भैया ने कहा कि अग्निपाक से निरखत सोना अग्नि में सोने को तपाने से उसमें निखार आता है और सोना शुद्ध 24 क्रेट का तैयार हो जाता है। अर्थात योग उपादान और योग सामग्री के मिलने पर पाषाण से स्वर्ण निकाल लिया जाता है उसी प्रकार प्रगुण गुणों के समूह अर्थात अनंत ज्ञानादि गुणों के समूह को आच्छादित करने वाले ज्ञानावर्णी आदि अष्टकम रूप दोष के नष्ट हो जाने पर स्वात्मा को उपलब्धि रूप सिद्धि प्राप्त होती है।
इसी के साथ सुबह की शांति धारा करने का शौभाग्य जैनपाल दीपक प्रकाश राजेश जैन परिबार एवं दूसरी तरह से नरेंद्र कुमार वैभव जैन परिवार को मिला।
रात्रि में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।