Let’s travel together.
Ad

गोबर से बनी राखियों से महकेगा रक्षा बंधन का पावन पर्व

0 229

धरसीवा के सेरीखेड़ी में बिहान की दीदीयों ने तैयार की राखियां

किफायती दाम पर उपलब्ध हुई डिजाइनर राखियां

     सुरेन्द्र जैन धरसीवा

“पशुधन बचाओ मांस निर्यात बन्द करो”गाय बचाओ देश बचाओ इस युग के महावीर परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज का यह शुभ सन्देश लंबे समय से चल चल रहा है ओर जैन समाज गौधन पशुधन की रक्षा करने दयोदय महासंघ एवं अर्हम जीव दया संघ के माध्यम से गौशालाएं व विभिन्न योजनाएं भी चला रहे हैं लेकिन सरकारी स्तर पर भारतवर्ष ही नहीं अपितु दुनियाभर में यदि कोई सरकार सरकारी स्तर पर पशुधन व गौधन की रक्षा के लिए काम कर रही है तो वह है छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार जी हां भूपेश सरकार की गौधन न्याय योजना से ग्रामीण आत्मनिर्भर भी बन रहे है और अब गोबर से राखियों का निर्माण भी बिहान की दीदीयों द्वारा किया गया है धरसीवा के सेरीखेड़ी में निर्मित गोबर से बनी किफायती दामो की राखियों से इस बार रक्षा बंधन का पावन पर्व महकेगा।

विकासखंड धरसीवां अंतर्गत ग्राम पंचायत सेरीखेड़ी में बिहान योजना के तहत आजीविका केन्द्र के रूप में स्थापित कल्पतरू       मल्टीयूटिलिटी सेंटर में बिहान समूह से जुड़ी दीदीयां आने वाले रक्षाबंधन त्यौहार के लिए भाईयों के कलाई में सजने वाली आकर्षक सुंदर राखियां का निर्माण कर रही हैं। जिसमें  पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हुई बीज की राखियां, गौ उत्पाद का महत्व बताती गोबर से बनी राखियां, धान की बालियों एवं बांस से बनी राखियां व नौनिहालों के लिए मनोरंजक व डिजाईनर राखियों की सम्पूर्ण श्रृंखला किफायती दर पर उपलब्ध है।

 

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बिहान समूह की दीदीयां पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए स्नेह के इस पर्व पर बहनों की सुरक्षा का संकल्प दोहरा रही है तथा समाज को जागरूक भी कर रही है। स्व सहायता समूह की दीदीयों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से रक्षाबंधन पर्व के पूर्व उनके द्वारा विभिन्न प्रकार के आकर्षक राखियों का निर्माण किया जा रहा है। उनके द्वारा बनाई गई राखियां जब भाइयों के कलाइयों में बंधती है तो उन्हें बहुत सुकून मिलता है।

बाजार की मांग एवं स्थानीय जरूरतों के हिसाब से राखियां बनाई जाती हैं। समूह की सभी दीदियों को इस पर्व में अच्छी आमदनी भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि समूह की दीदियों का कौशल विकास तो होता ही है साथ ही एक निश्चित आय अर्जित होने से आर्थिक संबलता होती है। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले रक्षाबंधन के त्यौहार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित होने पर स्व सहायता समूह की दीदियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि समय-समय पर उन्हें प्रशासन से भी मदद मिल जाती है। उन्होंने बताया कि धान, चावल, गेहूं, गोबर, बांस और कौड़ी आदि से राखियां बनाई जा रही हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

जंगलों में मोर करती है विचारण सुबह-सुबह खेतों में आती है नजर     |     मौसम बदला 2 दिन से पड़ रही है ठंड और कोहरा     |     TODAY :: राशिफल गुरूवार 21 नवम्बर 2024     |     सतीश राठौर बने जनपरिषद के गुना चैप्टर के अध्यक्ष     |     शैक्षिक गुणवत्ता एवं छात्र छात्राओं को सुविधा देना सरकार की प्राथमिकता     |     सीएम हेल्पलाईन में शिकायतें लंबित पाए जाने पर सहायक प्रबंधक, दन्त रोग चिकित्सक एवं सहायक ग्रेड-3 को कारण बताओ नोटिस जारी     |     रोड पर बह रहा सीवेज का गंदा पानी , 20 से 25 गांव के ग्रामीण हो रहे हैं परेशान     |     कुल्हाड़ियां गांव के पास 12 दिन से  लावारिस हालत में खड़ा है एक ट्रक     |     दीवानगंज और सेमरा गांव में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आंगनबाड़ी केंद्र     |     विधायक डॉ.प्रभुराम चौधरी ने सांची में ढाई करोड़ के निर्माणों का किया भूमि पूजन      |    

Don`t copy text!
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9425036811