मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
दीवानगंज और अंबाडी गांव के निवासी बंदरों के आतंक से परेशान हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। दीवानगंज और अंबाडी गांव में लगभग एक महीने पहले तीन दर्जन से अधिक काले मुंह वाले बंदरों का झुंड गांव में पहुंच गया है। काले मुंह के बंदरों न दीवानगंज और अंबाडी पूरे गांव में आतंक मचा रखा है। बंदर घरों में घुसकर भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिससे डरे बच्चे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वही बंदर छतों पर लगे नल, टोटी, डिश, बिजली के तार, बर्तन, चूल्हे, कपड़े अनाज सहित कई चीजों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिनके कच्चे घर है उनके घर पर चढ़कर का कबेलू फोड़ देते हैं। ग्रामीण इकट्ठा होकर बंदरों को खदेड़ने का प्रयास करते हैं तो बंदर उन पर टूट पड़ते हैं और डर से लोग अपने घरों में दुबक जाते हैं। दो महीने से यह बंदर गांव में जमे हुए हैं गांव के अगल-बगल किसी गांव में बंदरों का आतंक नहीं है लेकिन दीवानगंज और अंबाडी गांव में बंदरों का आतंक बना हुआ है।
वही छत पर बैठी महिलाओं और बच्चों को बंदर काफी परेशान कर रहे है। बंदरों के डर के कारण महिलाएं, बच्चे घर की छत पर अपने कार्यों के लिए नहीं जा पा रहे हैं। छत पर रखा सामान बंदर उठा ले जाते हैं। जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।
जिससे लोग घरों की छतों पर भी जाने से डरने लगे हैं, लेकिन जिम्मेदार इन बंदरों को पकड़ने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। दीवानगंज और अंबाडी में करीब 50 से 60 बंदर पीछे लगे पहाड़ से आ गए है। जो कस्बे में लंबे समय से उत्पात मचा रहे हैं। जिससे स्थानीय रहवासी खास कर महिला और बच्चे इन बंदरों से भारी भयभीत रहते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो दीवानगंज और अंबाडी कस्बे में बंदरों का आतंक इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बच्चे और महिलाओं ने घरों की छतों पर जाना तक बंद कर रखा है। ग्रामीणों की मांग की प्रशासन इन बंदरों का कुछ हल निकाले ताकि हम लोग इन बंदरों के आतंक से मुक्त हो सके।