राजनीतिक दल, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने की चर्चा
देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
शासन ने जिला पुर्नः गठन आयोग गठित किया है, जो जिले की भोगोलिक स्थितियों का सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद नए जिलो का गठन किया जाएगा। आयोग गठित होने के बाद जिले में तहसीलों के लोग विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। बेगमगंज, बरेली में जिला बनाने की मांग पहले से की जा रही है और बेगमगंज में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन भी शुरु हो गया है, सोमवार को सिलवानी के कम्यूनिटी हॉल में वृहद बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी राजनीतिक दल के पदाधिकारी, विभिन्न समाजों के संगठन पदाधिकारी, और सभी समाज व वर्गों के लोग मौजूद रहे और एक ही सुर और एक ही आवाज में सिलवानी को जिला बनाने की मांग को लेकर संकल्प लिया। इस दौरान सभी लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त कर सिलवानी को जिला बनाने की जरूरत बताया।
आदिवासी बाहुल्य गांव मुख्यालय से 35 किमी दूर
नागरिकों ने बताया कि तहसील मुख्यालय सिलवानी के आदिवासी बाहुल्य ग्राम नारायणपुर, शालाबरू, जोहर, निभोरा आदि गांवों की दूरी रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 135 किमी है। इन ग्रामीणों को शासकीय कार्य से रायसेन जाने आने में लगभग 12 से 15 घंटों का समय लगता है। सिलवानी तहसील आजादी के बाद से विकास को लेकर तरसती रही है। क्षेत्र में कोई भी उद्योग धंधे नहीं है जिससे बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में जिला मुख्यालय तथा महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। सिलवानी तहसील मुख्यालय चार तहसील के मध्य स्थित है, बरेली, उदयपुरा, देवरी, बेगमगंज, बम्होरी, सुल्तानगंज के बीच है। इसलिए इसे जिला बनाना चाहिए। सिलवानी वासियों को जिला अधिकारियों से समस्याओं को लेकर मिलने तथा विभिन्न शासकीय कार्यों से 85 किलोमीटर सफर कर जिला मुख्यालय रायसेन जाना पड़ता है। जिला बनाने की मांग को लेकर बैठक में रणनीति तैयार हुई और आगामी दिनों में चरण बद्ध तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया।