जबलपुर। स्कूली कापी-किताब में मनमाना मूल्य वसूलकर ग्राहकों को लूटने वाले बुक डिपो संचालक खुलेआम फर्जीवाड़ा भी कर रहे है। ग्राहकों को डुप्लीकेट पुस्तकें बेचकर चूना लगा रहे है। बुक डिपो वालों के फर्जीवाड़े की पोल उस समय खुली जब दिल्ली से आए एनसीईआरटी (द नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के अधिकारियों ने सुपर मार्केट स्थित विनय पुस्तक सदन और सेंट्रल बुक डिपो से कुछ पुस्तकें क्रय की।
एनसीईआरटी के निर्धारित मूल्य से अधिक थी
इन पुस्तकों का मूल्य और देखकर अधिकारियों को हैरानी हुई। यह एनसीईआरटी के निर्धारित मूल्य से अधिक थी। बारीकी से जांच करने पर पुस्तकें डुप्लीकेट मिली। अधिकारियों की शिकायत पर लार्डगंज पुलिस ने शुक्रवार को दोनों दुकान संचालकों के विरुद्ध कॉपी राइट एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया है।
डुप्लीकेट पुस्तकों को अधिक मूल्य पर बेच रहे हैं
एनसीईआरटी नई दिल्ली के व्यापार प्रबंधक भूपेन्द्र सिंह और सहायक उत्पादन अधिकारी दीपक जयसवाल को सूचना मिली थी कि सेन्ट्रल बुक डिपो और विनय पुस्तक सदन, एनसीईआरटी की डुप्लीकेट पुस्तकों को अधिक मूल्य पर बेच रहे हैं। दोनों अधिकारी गुरुवार को जबलपुर पहुंचे। संबंधित दुकानों पर गए। जहां से एनसीईआरटी की कक्षा नवमीं की पुस्तकें खरीदीं। इसका बिल भी बुक डिपो संचालकों ने दिया। इसके बाद क्रय की गई पुस्तकों की जब जांच की गई, तो वे डुप्लीकेट निकली। कई पुस्तकों में मूल्य भी अधिक अंकित मिला। इसके बाद अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत की।
छापा मारा, जब्त की पुस्तकें
एनसीईआरटी अधिकारियों की शिकायत पर शुक्रवार को पुलिस ने दोनों प्रतिष्ठानों में छापा मारा है। जांच के दौरान कई पुस्तकें जब्त की गई है। लार्डगंज पुलिस के अनुसार एनसीईआरटी अधिकारियाें ने डुप्लीकेट पुस्तक, बिल दिखाए है। ओरिजनल पुस्तकों का विवरण और मूल्य की जानकारी दी है। प्रारंभिक जांच में एनसीईआरटी की दर और दोनों दुकानों से विक्रय की जा रही पुस्तकों में अंकित दर में अंतर मिला है। दोनों बुक डिपो संचालकों के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया है। मामले में आगे जांच की जा रही है।