एमपीआरडीसी ने टूटी हुई रेलिंग की जगह सीमेट की बोरियों में मिट्टी भरकर रखी,हर बार बोरियाँ रखकर की जाती हे खाना पूर्ति
मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन हो रहे हादसों को रोकने के लिए एमपीआरडीसी ने टूटी हुई रेलिंग की जगह सीमेट की बोरियों में मिट्टी भरकर रख दी ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगे और रास्ता स्पष्ट दिखाई दे सके।इसके लिए सड़क के गहरी खाई साइट वाले हिस्से पर सीमेंट की बोरियां मैं मिट्टी भरकर रख दी ताकि रात के समय वाहन चालकों को घाटी पर अंधे मोड़ की सूचना पहले से मिल सके। इसके बावजूद भी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है घाटी के ऊपर खाई तरफ सीमेंट की बोरियां भर कर रखी गई है जबकि उतरते समय जहां पर गहरा झरना पड़ता है उस साइड कोई रेलिंग नहीं लगी हैं जहां पर 10 फीट गहरी खाई है उस खाई में अभी पांच ट्राले माल से भरे हुए गिर चुके हैं इस गहरी खाई में जो भी ट्राले अभी तक गिरे उनके परखच्चे उड़ चूके है शनिवार की बात है कि भोपाल से विदिशा जा रहा ट्राला घाटी पर चढ़ते वक्त ब्रेक फेल हो गए जिससे ट्राला पीछे रिवर्स होते हुए 10 फीट गहरी खाई में गिर गया उसमें ड्राइवर को क्लीनर फस गए उनको जेसीबी से ट्राले को उठाकर कहां को निकाल कर भोपाल भेजा गया इससे पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं।
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व बालमपुर की घाटी पर लोहे की रेलिंग लगाई गई थी। जो आए दिन दुर्घटनाओं के कारण बार-बार टूट रही है जिसकी वजह से कई वाहन हादसों का शिकार होकर खाई में गिर चुके हैं। भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे की बालमपुर घाटी पर कुछ समय पूर्व ट्रक के ब्रेक फेल हो गए थे जिस कारण ट्रक ने अपनी चपेट में दो फोर व्हीलर और एक मोटरसाइकिल को अपनी चपेट में ले लिया था जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी तो दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे इससे पहले भी बालमपुर की घाटी पर चढ़ते समय ट्राले के ब्रेक फेल हो गए और ट्राला रिवर्स होकर नीचे खाई में उतर गया था हालांकि इस घटना में ड्रायवर और क्लीनर दोनों ने ट्राले से कूदकर अपनी जान बचा ली, अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। ट्रक पर अधिक लोड होने के कारण ट्रक या तो पीछे रिवर्स होकर खाई में गिरता है या उतरते समय सीधा खाई में चला जाता है इतने ज्यादा हादसा होने के बाद भी इस रोड का चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा है साल भर में लगभग 150 दिन बालमपुर घाटी पर दुर्घटना हो चुकी है कई लोगों ने इस घाटी पर अपनी जान भी गवा चुके हैं हादसों के कारण ज्यादातर दिन बालमपुर घाटी पर जाम की स्थिति बनी रहती।
इनका कहना हे-
मैं रोज भोपाल जाता हूं मेरा काम फूलों का है जब भी सुबह बालमपुर जाता हूं एक ना एक वहान बालमपुर की घाटी पर खड़ा मिलता है चढ़ते और उतरते समय हमेशा डर लगता है कहीं दूसरा वाहन आगे पीछे से टक्कर ना मार दे क्योंकि एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ 15 फीट गहरी खाई है
–पवन प्रजापति
मेरा एलआईसी का काम है मैं हमेशा भोपाल आता जाता रहता हूं एमपीआरडीसीद्वारा कुछ महीने पहले प्लास्टिक की बोरी में मिट्टी भरकर खाई तरफ रखी गई थी गर्मियों में बोरियां सड़ गई जिससे मट्टी वही बिखर गई अगर कोई वाहन घाटी उतरते समय इन बोरियों से टकराएगा तो क्या बच सकता है बल्कि टकराते हुए 15 फुट गहरी खाई में जाकर गिर जाएगा जिससे एक बड़ी अनहोनी हो सकती है एमपीआरडीसी को खाई तरफ एक ठोस रेलिंग लगाना चाहिए जिससे वाहन टकराकर घाटी पर ही रुक जाए।
–महेंद्र लोधी सेमरा