प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर है। पीएम के इस दौरे से भारत को यूपीआई के मोर्चे पर बड़ी बढ़त मिली है। अब फ्रांस में भारतीय यूपीआई का डंका बजेगा। दरअसल, पीएम मोदी और फ्रांस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच एक समझौते हुआ है। इसका सबसे बड़ा फायदा भारतीय पर्यटकों को होगा, जो फ्रांस में भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर लेनदेन कर पाएंगे।
यूपीआई के मोर्चे पर यह भारत की सबसे बड़ी सफलता है। फ्रांस भारतीय यूपीआई लॉन्च करने वाला पहला यूरोपीय देश बन गया है। भारत के डिजिटल पेमेंट मोड की आईएमएफ से लेकर कई वैश्विक बैंकों ने सराहना की है।
फ्रांस यूपीआई लॉन्च करने वाला पहला यूरोपीय देश
भारत और फ्रांस के बीच यूपीआई को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह सौदा फ्रांस को यूपीआई लॉन्च करने वाला पहला यूरोपीय देश बनाता है। यूपीआई के लिहाज से साल 2023 बेहद खास है। इस वर्ष सिंगापुर के PayNow और यूपीआई ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिससे उपयोगकर्ताओं को बॉर्डर पार ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है।
फ्रांस और भारत के बीच यूपीआई डील से क्या फायदा होगा?
यूपीआई की मंजूरी से उन लोगों को फायदा होगा, जो यात्रा के लिए भारत से फ्रांस जाते हैं। वे यूपीआई के जरिए आसानी से भुगतान कर सकेंगे। इससे देश में डिजिटल लेनदेन का क्रेज बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
करेंसी एक्सचेंज का झंझट खत्म
भारतीय नागरिकों पेरिस या एफिल टॉवर देखने के लिए यूपीआई के जरिए भुगतान कर सकते हैं। इससे करेंसी एक्सचेंज का झंझट खत्म हो जाएगा। भारत में यूपीआई तेजी से बढ़ रहा है। 2026-27 तक इसके हर दिन एक अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। देश में खुदरा डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी अगले तीन से चार सालों में 90% तक पहुंच सकती है।
भारतीय यूपीआई इन देशों में लॉन्च
सिंगापुर में लोग यूपीआई के जरिए भुगतान कर सेंगे। यूपीआई ने पे नाउ के साथ समझौता किया है। इसके अलावा नेपाल और भूटान में यूपीआई के जरिए भुगतान किया जा रहा है। फ्रांस में यूपीआई के लॉन्च होने के बाद ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, हांगकांग, ओमान, कतर, यूएई और यूके में उपलब्ध होगा।
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