सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने देश को आश्वस्त किया कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के बढ़ते कद, आर्थिक विकास एवं चहुंमुखी प्रगति के बीच देशवासियों की आकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं के मार्ग में सुरक्षा की दृष्टि से कोई चुनौती नहीं आने दी जाएगी तथा सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जनरल पांडे ने सेना दिवस के अवसर पर यहां परेड का निरीक्षण करने के बाद अपने संबोधन में यह कहा। यह पहली बार है जब सेना दिवस का आयोजन राजधानी के बाहर किया जा रहा है।
भारत एक नए युग की चौखट पर खड़ा
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जवानों को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि आज भारत एक नए युग की चौखट पर खड़ा है। हम सब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के बढ़ते कद, आर्थिक विकास और प्रगति को देख रहे हैं। देशवासियों की बढ़ती आकांक्षाओं और विश्व समुदाय की अपेक्षायों के भी हम साक्षी हैं। इन सब के चलते, यह अनिवार्य है कि भारतीय सेना राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से संबद्ध और एकीकृत रहे। हमें यह सुनिश्चत करना है कि सुरक्षा की दृष्टि से, राष्ट्र की प्रगति में कोई बाधा ना आए।” उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में भारतीय सेना ने सुरक्षा सम्बंधित चुनौतियों का निरंतर दृढ़ता से सामना किया और सक्रियता तथा मजबूती के साथ, सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। साथ ही, सेना ने क्षमता विकास, बल के ढांचे एवं प्रशिक्षण में सुधार संबंधी कदम उठाये और भविष्य के युद्ध के लिए, अपनी तैयारियां और सुदृढ़ की हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमावर्ती इलाकों में स्थिति सामान्य रही है और स्थापित प्रोटोकॉल्स और मौजूदा सीमा प्रणालियों के माध्यम से, शांति बनाए रखने के लिए, आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। LAC पर, एक मजबूत प्रतिरक्षा भंगिमाओं को बरकरार रखते हुए, हम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमारे बहादुर जवान, कठिन इलाकों और कठोर मौसम के बावजूद, सतकर्ता से तैनात हैं। जम्मू और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन के जरिये, हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी करने की कोशिश जारी रहती है।
इस गतिविधि के खिलाफ भी, ड्रोन जैमर और स्पूफर्स के जरिए, उपयुक्त कदम उठाए गए हैं। जनरल पांडे ने कहा कि देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में निश्चित सुधार हुआ है। सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना अन्य दो सेनाओं के साथ बेहतर एकीकरण हासिल करने के लिए पूरी तरह न केवल प्रतिबद्ध है बल्कि हमेशा आगे रहेगी। अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग में भी, भारतीय सेना एक विशेष भूमिका निभा रही है। आज हमारे 5700 से भी अधिक सैनिक आठ संयुक्त राष्ट्र शांति सेना अभियानों में तैनात हैं।
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