सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है। हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन सुहागिनें श्रृंगार का सामान बांटती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस साल हरियाली अमावस्या या सावन मास की अमावस्या 28 जुलाई को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के मूल भाग में जल, दूध चढ़ाने से पितृ तृप्त होते हैं। शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव शांत होते हैं।
हरियाली अमावस्या का महत्व, पूजन विधि व शुभ मुहूर्त-
अमावस्या का प्रारंभ 27 जुलाई को रात 09 बजकर 11 मिनट हो रहा है, जो अगले दिन 28 जुलाई को रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। इसके बाद श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा प्रारंभ हो जाएगी।