स्पेस साइंस एवं बायोलॉजिकल साइंस एक दूसरे के पूरक-डॉ अविनीश श्रीवास्तव
रीवा।अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान एवं पर्यावरण जीवविज्ञान(बायोटेक्नोलॉजी)के संयुक्त दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में देश विदेश के जानेमाने वैज्ञानिकों ने शिरकत की।इस सेमिनार की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा में माल्यर्पण करके शुरू की गई।इस बड़े सेमिनार की अध्यक्षता एपीएस विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रोफेसर राजकुमार आचार्य ने की।मुख्य अतिथि के रूप में जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफ़ेसर अविनाश तिवारी एवं मुख्य वक्ता सीएसआईआर एम्प्रि भोपाल के डायरेक्टर डॉ अविनीश श्रीवास्तवा रहे।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह परिहार रहे वहीं इस नेशनल सेमिनार के संयोजक डॉ अतुल कुमार तिवारी तो सहसंयोजक डॉ सतानंद मिश्रा सीएसआईआर एम्प्रि भोपाल रहे।इस कार्यक्रम के क्वार्डिनेटर प्रोफ़ेसर अजय सक्सेना रहे एवं ऑर्गनाइजिंग सैक्रेटरी प्रोफ़ेसर सी एम तिवारी रहे।प्रोफ़ेसर अतुल तिवारी ने इस दो दिवसीय कार्यशाला की पूरी रूपरेखा से सबको अवगत करवाया।
संगोष्ठी में कुलगुरु ग्वालियर विश्वविद्यालय प्रोफेसर अविनाश तिवारी ने ज़ोर देकर कहा कि विंध्य ही नहीं बल्कि देश विदेश के शोधकर्ताओं के लिए काफ़ी लाभकारी रहेगा।वहीं डॉ अविनीश श्रीवास्तवा ने अपने बड़े व्याख्यान स्लाइड प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि स्पेस साइंस एवं बायोलॉजिकल साइंस एक दूसरे के पूरक हैं एवं अंतरिक्ष विज्ञान,पराली,इंडस्ट्रीज आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर आचार्य ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ये सेमिनार ऐतिहासिक रहा,एवं आये हुए आगंतुकों का विश्वविद्यालय परिवार की तरफ़ से हार्दिक स्वागत किया।
प्रोफ़ेसर ए पी मिश्रा एवं प्रोफेसर मुदगल ने बंधा समा
सेमिनार के द्वितीय सत्र के पहले व्याख्यान में देश के जानेमाने वैज्ञानिक भौतिकविद प्रोफ़ेसर ए पी मिश्रा ने विश्वविद्यालय के शंभूनाथ सभागार में अपने पीपीटी लेक्चर से समा बांध दिया।खचाखच भरे सभागार में प्रोफेसर मिश्रा ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय एवं विंध्य छेत्र रिसर्च शोध के मामले में अग्रणी स्थान बना चुका है।साथ ही प्रोफेसर मिश्रा ने सोलर एनर्जी,सनस्पॉट,कोरोनल मास इंजेक्शन आदि पर विस्तृत प्रकाश डाला।वहीं सत्र के द्वितीय वक्ता प्रोफेसर मुद्गल एयर क्वालिटी मोनिटरिंग,एअर मैथेमेटिकल मॉडल,मोनिटरिंग पैरामीटर आदि पर प्रकाश डाला एवं अपने उद्बोधन में इस ऐतिहासिक सेमिनार एवं रीवा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी उनके रिसर्च को लेकर।पहले दिन की कार्यशाला के मंच का सफ़ल संचालन डॉ नीती मिश्रा एवं डॉ समता शुक्ला ने किया।आभार प्रदर्शन डॉ सी एम तिवारी ने किया।साथ ही प्रोफेसर आर पी जोशी का भी हुआ व्याख्यान।
होंगे कई सेशन,देश विदेश से कई वैज्ञानिक,प्राध्यापक,शोधार्थी होंगे शामिल
दूसरे दिन बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं भौतिक विज्ञान विभाग में कई सेशन चलेंगे,जिसमें विदेशों से एवं देश के कोने कोने से आये शोधार्थियों के पेपर प्रजेंट होंगे एवं पोस्टरों का प्रजेंटेशन होगा।लगभग 400 वैज्ञानिकों,शोधकर्ताओं,प्राध्यापकों एवं छात्र छात्राओं के द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाया गया है जो कि एक ऐतिहासिक रहा।