तबादला नीति क्या रायसेन की महिला अधिकारियों पर लागू नही होती ,वर्षो से एक ही सीट पर जमी हे महिला अधिकारी
अली हसीन रायसेन.
रायसेन जिले के महत्वपूर्ण विभागों में 5 सालों से ज्यादा समय से कुर्सी पर बैठी है महिला अधिकारी, क्या तबादला नीति का नियम इन पर लागू नहीं होता
रायसेन। जिले के महत्वपूर्ण विभागों में पिछले 5 सालों से ज्यादा समय से कुर्सी पर बैठी है महिला अधिकारी ।क्या तबादला नीति का नियम महिला अधिकारियों पर लागू नहीं होता है । जबकि मध्य प्रदेश शासन ने 3 साल से ज्यादा समय तक एक ही जगह पर काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के लिए तबादला नीति में नियम बनाया है। इस तरह तबादला नीति का यहां मजाक उड़ रहा है। जिला मुख्यालय पर तबादला नीति का किस तरह मखौल उड़ रहा है इसका अंदाजा आप खुद ही आसानी से लगा सकते हैं।
मनमानी और लापरवाही का आलम यह है कि क्षय रोग विभाग में डॉ आरती गंगवार 12 सालों से जिला समन्वयक की कुर्सी पर डटी हैं। शहरी आजीविका मिशन नगर पालिका में जिला कोऑर्डिनेटर रानी तिवारी पदस्थ हैं। पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस रायसेन बैंक प्रभारी प्राचार्य इशरत खान सालों से कुर्सी पर डटी हुई है। आदिवासी वित्त विकास निगम रायसेन में अधिकारी शशिलता प्रभाकर ,लाइसेन्स शाखा में आभा सिंह, उप पंजीयक रायसेन अधिकारी मिथिलड़ा मसीह, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ प्रियंवदा गुप्ता,एक्सीलेंस गर्ल्स हॉस्टल रायसेन में संतोष राजोरिया,मंदाकिनी जोशी, औबेदुल्लागंज छात्रावास की अधीक्षिका लगातार 8 सालों से एक ही छात्रावास में जमीं हुई है। कलेक्टर अरविंद दुबे सहित मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ।सालों से जमी इन महिला अधिकारियों के भी तबादला नीति में शामिल करके उनका स्थानांतरण दूसरे जिलों में करना चाहिए।