हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व काफी है। मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि से ही सत्ययुग और त्रेता युग का प्रारंभ हुआ।
वैशाख मास को भगवान विष्णु का प्रिय माह के नाम से जाना जाता है। इस माह के प्रमुख त्योहारों में अक्षय तृतीया का अनुष्ठान है। पुराणों के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्म महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका से हुआ था। इसी कारण अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा की जाती है। इस साल यह अनुष्ठान तीन मई को होने के कारण श्रद्धालुओं द्वारा अभी से ही तैयारी की जा रही है।
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व काफी है। मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि से ही सत्ययुग और त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था। द्वापर युग का अंत और कलयुग का प्रारंभ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ। इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। इसी दिन किसी भी मुहूर्त में विवाह, मुंडन आदि मांगलिक कार्य किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए काम कई गुना फल प्रदान करते हैं। इस दिन सोना खरीदने का खास महत्व है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना का जेवर खरीदने से घर में धन लाभ होता है। घर में सुख शांति और समृद्धि होती है। घर के लोगों की तरक्की होती है। इस दिन घर में आने वाला धन क्षय नहीं होता और उसमें कमी नहीं आती।