धर्म ग्रंथों में नवरात्रि की नवमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है, उसके अनुसार नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से हर तरह की सिद्धि हमें प्राप्त होती है। इस तिथि पर देवी पूजा की पूर्णाहुति होती है और हवन आदि का आयोजन किया जाता है। बहुत से लोग इस दिन कन्या पूजा भी करते हैं, जिसमें छोटी कन्याओं की घर बुलाकर भोजन करवाया जाता है और उन्हें कुछ उपहार भी दिया जाता है। नवरात्रि का अंतिम दिन होने से कई ज्योतिषीय और तंत्र-मंत्र के उपाय भी इस दिन किए जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार नवमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार की रात करीब 01.30 से शुरू होगी, जो 10 अप्रैल, रविवार को पूरे दिन रहेगी और रात लगभग 03:30 पर इस तिथि का समापन होगा। विद्वानों का मानना है कि 10 अप्रैल को पूरे दिन देवी की पूजा, कन्या भोज आदि शुभ काम किए जा सकते हैं।
देवी सिद्धिदात्री की होती है पूजा
देवी सिद्धिदात्री माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली हैं, इसलिए इनका नाम सिद्धिदात्री है। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा की जाती है। देवता, असुर, गंधर्व, किन्नर, मनुष्य आदि सभी इनकी पूजा करते हैं।