लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधायकों को दिए आदर्श आचरण के टिप्स, बोले- सदन में नियमों के तहत चर्चा से निकलते हैं अच्छे परिणाम
भोपाल। सदन में भूमिका और आचरण कैसा हो, जनहित के मुद्दों को कैसे नियम-प्रक्रिया के अंतर्गत उठाया जाए, बजट चर्चा में किस तरह बात रखें और अन्य विधायी कार्यों की क्या प्रक्रिया है? ऐसे कई पहलुओं को मध्य प्रदेश के विधायक जानेंगे। इसके लिए विधायकों का दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम मंगलवार सुबह 11 बजे विधानसभा के मानसरोवर सभागार में शुरू हुआ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रबोधन कार्यक्रम में नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद व विधानमंडलों के सदस्यों को चाहिए नियम-प्रक्रिया और संविधान को पढ़ें। पुरानी कार्यवाहियों को देखें और उसके अनुरूप अपनी तैयारी करके सदन में आएं। मध्य प्रदेश विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश में बेहतर रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। सभी जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
उन्होंने संसद और विधानसभा में नियोजित तरीके से होने वाले हंगामे और बैठकों की घटती संख्या पर चिंता जताई। बिरला ने कहा कि नियोजित तरीके से व्यवधान करना किसी भी सूरत में सही नहीं है। इसे समाप्त किया जाना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है। सदन में विरोध हो, लेकिन वह सार्थक और नियम प्रक्रिया के अंतर्गत होना चाहिए। पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में भी कई बार इस पर चर्चा हो चुकी है। सदस्यों के निलंबन पर उन्होंने कहा कि कोई भी अध्यक्ष नहीं चाहता है कि निलंबन हो, पर सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जनप्रतिनिधि देश की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब सदस्य नियम प्रक्रिया के अंतर्गत चर्चा करते हैं तो उसके अच्छे परिणाम भी आते हैं।
इससे पहले मप्र विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि अच्छा जनप्रतिनिधि बनने के लिए जरूरी है कि नियम-प्रक्रिया की जानकारी हो। आज यह प्रचलन हो गया है कि सदन में चिल्ला कर बोलो तो अच्छा समझ जाएगा। सदन में बात रखते समय जोश दिखे पर वह होश से नियंत्रित हो। गुस्सा आचरण में झलक में नहीं चाहिए। सार्वजनिक हितों के प्रश्नों का अध्ययन होना चाहिए। प्रशिक्षण से आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा।
इस कार्यक्रम में शिरकत करने लोकसभा अध्यक्ष मंगलवार सुबह कोटा से भोपाल पधारे। यह सत्र “ प्रभावी विधायक कैसे बनें, संसदीय शिष्टाचार एवं आचरण विषय पर केंद्रित था, जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय आचरण व व्यवहार के टिप्स दिए गए। इस सत्र में लोकसभा स्पीकर के अलावा विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, उप्र विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी अपने विचार रखे।
इस कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने राजभवन पहुंचकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की।
लोकसभा अध्यक्ष मंगलवार सुबह कोटा से ट्रेन के जरिए भोपाल पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भोपाल महापौर मालती राय आदि ने उनकी आत्मीय अगवानी की।