इंदौर। नवाचार वही जो लोगों के जीवन को आसान बनाए। प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग संस्थान के छात्र तो आए दिन नवाचार करते रहते हैं लेकिन अब इस दौड़ में ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी शामिल हो गए हैं। झाबुआ जिले के एक छोटे से गांव के दसवीं पास युवक ने एक ऐसा नवाचार किया है, जो ग्रामीणों को न सिर्फ रोजगार प्रदान कर रहा है, बल्कि उससे अच्छी कमाई भी हो रही है।
यह नवाचार झाबुआ जिले के पलासड़ी ग्राम के विजेंद्र अमलियार ने किया है। ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए उन्होंने हाथों से चलाने वाली घट्टी से एक इलेक्ट्रानिक चक्की तैयार की है। इस चक्की की खासियत यह है कि इसमें प्रोसेस किए गए अनाज के पोषक तत्व समाप्त नहीं होते और इससे प्रोसेस किए गए अनाज भरपूण पोषण देते हैं। यह नवाचार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर के रूरल इनोवेटर्स कांक्लेव में भी प्रस्तुत किया गया।