इधर लक्ष्मण जी ने काटी सूर्पनखा की नाक, उधर प्रभु श्री राम ने किया सेना सहित खरदूषण का वध
सी एल गौर रायसेन
रामलीला महोत्सव के चलते बुधवार को रामलीला मैदान में स्थानीय कलाकारों द्वारा लीला का मैदानी मंचन किया गया, प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार भगवान राम लक्ष्मण और माता सीता वन गमन करते हुए पंचवटी नामक स्थान पर पहुंचते हैं और वहां जाकर विश्राम कर रहे होते हैं। इस दौरान लंका पति रावण की बहन सूर्पनखा विवाह करने के उद्देश्य से वहां पहुंचती है पंचवटी पर जाकर सूर्पनखा भगवान राम से कहती है कि तुम सम पुरुष न मोसम नारी,,यह संयोग कुछ रचा बिचारी अर्थात सूर्पनखा भगवान राम से कहती है कि तुम्हारे समान दुनिया में कोई पुरुष नहीं है और मेरे समान कोई नारी नहीं है कितनी अच्छी जोड़ी है अगर आप मुझसे शादी कर ले तो कितना अच्छा होगा। सूर्पनखा की इस बात पर भगवान राम कहते हैं कि मैं तुमसे शादी नहीं करूंगा क्योंकि मेरे साथ में सीता है मुझे दूसरा विवाह नहीं करना और हमारे कुल में भी ऐसी रीति नहीं है हम धर्म के अनुसार और नीति के अनुसार चलते हैं मैं किसी भी कीमत पर तुमसे विवाह नहीं कर पाऊंगा और भगवान राम सूर्पनखा को लक्ष्मण जी के पास भेज देते हैं फिर सूर्पनखा पूरे 16 श्रृंगार के साथ सज धज कर और लक्ष्मण जी के पास पहुंचती है और उन्हें विवाह करने के लिए तरह-तरह के लालच देती है बोली कि हे लक्ष्मण तुम मुझे बहुत अच्छे लग रहे हो मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं मेरे भाई लंका के राजा रावण है मैं तुमसे शादी करने के लिए पूरा परिवार छोड़कर यहां आई हूं परंतु लक्ष्मण जी सूर्पनखा से मना कर देते हैं और कहते हैं कि पहले तुम भैया राम के पास गई और वहां से यहां आई हो तुम तो माता के समान हो मैं कैसे शादी कर सकता हूं परंतु सूर्पनखा जिद पड़ जाती है अंत में जाकर लक्ष्मण जी को गुस्सा आ जाता है और वह सूर्पनखा के नाक कान काट लेते
हैं, वैसे ही वह रोते चिल्लाते हुए अपने भाई खर दूषण के पास पहुंचती है और पूरा हाल-चाल बता देती है जब खर दूषण अपनी बहन शूर्पणखा के नाक कान कटे हुए देखता है और खून निकलता हुआ देखा तो वह गुस्से में आ जाता है और पूरी सेना को साथ लेकर राम लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए पहुंचता है जहां रन मैदान में भगवान राम और खर दूषण के बीच घनघोर युद्ध होता है जो बहुत देर तक चलता है परंतु भगवान श्री राम के आगे न तो खरदूषण की चलती और न ही उसके साथ आए किसी योद्धा की एक-एक करके सभी मारे जाते हैं और अंत में जाकर भगवान राम ने मोहिनी यंत्र के माध्यम से खर दूषण को मार देते हैं। इस प्रकार से रामलीला मैदान में सूर्पनखा संवाद और खर दूषण वध की आकर्षक लीला का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया । इस दौरान खर दूषण की भूमिका अभिषेक शुक्ला और सूर्पनखा की भूमिका कलाकार अर्जुन रमेश द्वारा निभाई गई।
रामलीला में गुरुवार को होगी सीता हरण प्रसंग की की आकर्षक प्रस्तुति
श्री रामलीला मेला आयोजन समिति के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को रामलीला मैदान में स्थानीय कलाकारों द्वारा सीता हरण प्रसंग की लीला का मैदानी मंचन किया जाएगा, समिति के समस्त पदाधिकारीयो ने धर्म प्रेमियों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर रामलीला देखने एवं धर्म का लाभ उठाए जाने की अपील की है।