देवेंद्र तिवारी सांची रायसेन
इन दिनों इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल की नगर परिषद प्रशासन के हाल बद से बद्तर हो चुके हुए हैं आये दिन नगर परिषद विकास एवं स्वच्छता के धींगे मारने में पीछे दिखाई नहीं देती इन सब धींगो की पोल जमीनी स्तर पर खुलती दिखाई देती है न तो कोई देखने न कोई सुनने वाला ही दिखाई देता है जबकि यह ऐतिहासिक स्थल मप्र शासन में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र की विकास की श्रेणी में गिना जाता है ।तब आसानी से विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है ।
जानकारी के अनुसार यह स्थल विश्व विख्यात पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है यही कारण है जब सरकारों ने इस स्थल को इसके अनुरूप ढालने नगर परिषद को अस्तित्व में लाया गया परन्तु नगर परिषद नगर के विकास से कोसों दूर नज़र आ रही है जमीनी हकीकत स्वयं अपने विकास की कहानी बयां कर रही है इस ऐतिहासिक स्थली के हालात बद से बद्तर हो चुके हैं इस नगर परिषद में निर्वाचित पार्षद कम पार्षद पतियों का खुलेआम अधिकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाते देखा जा सकता है इस स्थल के विकास के लिए सरकारें करोड़ों रुपए आवंटित कर देती है परन्तु वह कहां खर्च किया जाता है कोई नहीं जानता इतना ही नहीं स्वच्छता के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए भृष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं परन्तु नीचे से ऊपर तक बंदरबांट के चलते निरीक्षण करने वाली टीमें भी इस कहावत को चरितार्थ करती दिखाई दे जाती है कि दिन में रात कहें तो रात ,रात में दिन कहें तो दिन करती जैसा नगर परिषद में बैठे लोग चाहते हैं वही होता है तथा सारी जांच पड़ताल भी धरी की धरी रह जाती है तथा इस भृष्टाचार में लिप्त लोगों से मलाई खाने का सिलसिला थमता नजर नहीं आता ।तब इस स्थल का विकास मात्र कागजी बनकर रह जाता है सारा का सारा नगर गंदगी की चपेट में जकड गया है न तो नगर में पानी निकासी व्यवस्था न ही सड़क न ही प्रकाश न ही पेयजलापूर्ति की सुविधा भी उपलब्ध हो पाती है जिसका खामियाजा नगर के हजारों लाखों रुपए का विभिन्न कर चुकाने के बाद ही मिल पाता है इस स्थल पर दिनभर स्ट्रीट लाइट जलती दिखाई देती है तथा रात होते ही बन्द हो जाती है परन्तु विभिन्न सामग्रियों की लाखो करोड़ो की खरीदारी होने के बाद भी हालात बद से बद्तर बने हुए हैं यही हाल बसस्टेंड पहुंच मार्ग जो एक ओर से रेलवे स्टेशन मार्ग को जोड़ता है तो दूसरी ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ता है रेलवे स्टेशन मार्ग से बसस्टेंड पहुंचने के लिए लोगों को दल-दल से होकर गुजरना पड़ता है यही हाल दूसरी ओर जहां जनपद पंचायत कार्यालय सहित कृषि पशुचिकित्सालय सहित अन्य शामिल हैं।
दलदली कीचड़ से गुजरने पर मजबूर होना पड़ता है परन्तु इन समस्याओं की ओर ध्यान न तो इस स्थल पर तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को ही रहता है न ही यहां परिषद ही कोई क़दम उठाने में ही आगे बढ़ पा रही है तथा परिषद की कहानी तो नगर में रहने वाले हर नगर वासी की जुबानी सुनने देखने को मिल जाती है परिषद की आपसी खींचतान के चलते विकास की भी हवा निकल चुकी है जबकि एक पार्षद को छोड़ लगभग पूरी परिषद पर भाजपा का कब्जा है ।तब एक ही पार्टी में आपसी खेमे बाजी की खींचतान जारी है इसका खामियाजा विकास को भुगतना पड़ रहा है हालांकि यह स्थल मप्र शासन में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी का कहलाता है तथा विधानसभा चुनाव भी अनकरीब है तथा नेता कार्यकर्ता लगातार विकास की बड़ी बड़ी धींगे भरते देखे जाते हैं परन्तु सड़कों में जगह जगह गंदगी भरी दल-दल तथा नगर में जगह जगह अंदरुनी क्षेत्र में लगे गंदगी के अंबार को ही विकास की श्रेणी में ला खड़ा किया है तब इस स्थल को मूलभूत सुविधाओं का तो टोटा बना ही हुआ है बल्कि लोगों को अपनी समस्या के लिए भी भटकना पड़ रहा है ।