गुना से अरविंद गौड़ की रिपोर्ट
देश के जाने-माने मंच संचालक और मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण, संचालन में अपनी भूमिका का निर्वाहन कर चुके संतोष तिवारी की पुस्तक ‘छोटे मुंह, छोटी सी बात’ का विमोचन उनकी जन्मभूमि गुना शहर के एक निजी होटल में किया गया। इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अशोक तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार नुरुल हसन नूर, राधाकृष्ण तिवारी, विनोद शर्मा, महेश मुदगल, डॉ. सतीश चतुर्वेदी शाकुंतल, डॉ. शोभा एवं ख्याति प्राप्त साहित्यकार, कवि, चिकित्सक एवं शासकीय सेवा में वरिष्ठ पदों पर आसीन गणमान्यजनों की उपस्थिति में किया गया।
राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम भी शामिल
पुस्तक ‘छोटे मुंह, छोटी सी बात’ के लेखक संतोष तिवारी ने भावनात्मक उद्बोधन देते हुए इस अनोखी रचना के उद्गम, उद्देश्य आदि के बारे में विस्तार से बताया। संतोष तिवारी द्वारा लिखित इस कृति में कुल 121 मंच संचालनों का विवरण है। हालांकि उन्होंने अपने कार्यकाल में 300 से ज्यादा शासकीय अशासकीय कार्यक्रमों का संचालन किया है। इनमें महामहिम राष्ट्रपति के 6 कार्यक्रम भी शामिल हैं। इसके अलावा स्वर्गीय अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, वैंकय्या नायडू, अर्जुन सिंह, सुंदरलाल पटवा, मोतीलाल वोरा, दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान सहित शीर्ष राजनेताओं व जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंदजी सरस्वती, देश की शीर्ष अदालतों के मुख्य न्यायाधीश आदि की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम के दौरान किए गए मंच संचालन का ब्यौरा शामिल है।
देश के एकमात्र मंच संचालक की किताब
विमोचन कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार नुरुल हसन नूर ने पुस्तक की विशेषता को सीमित लेकिन प्रभावी शब्दों में समेटते हुए कहाकि संतोष तिवारी देश के एकमात्र मंच संचालक हैं, जिनकी किताब छपी हैं। उन्होंने इतिहास के झरोखे से कुछ जानकारियां मंच संचालन से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए बताया कि देश में मुईनउद्दीन नामक साहित्यकार को इस विधा में पारंगत माना जाता था, उनके मंच संचालन से प्रभावित होकर महात्मा गांधीजी ने उन्हें अबुल कलाम आजाद नाम दिया। यानी उन्हें शब्दों का पिता कहा गया। नूर ने मंच संचालन पर किताब लिखने वाले संतोष तिवारी की असाधारण विधा की और विस्तृत तुलना आजादी के उस दौर से की जब मंच संचालन के लिए साजो-सामान नहीं होते थे। देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारी और राजनेता किसी ऊंचे स्थान पर खड़े होकर अपनी बात कहते थे।
दुर्लभ गैर चर्चित लेकिन बहुत अहम विष
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सतीश चतुर्वेदी शाकुन्तल ने संतोष तिवारी का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें अपनी लेखनी से सदैव असंतुष्ट रहने की सलाह दी, ताकि वह इस तरह की पुस्तकें भविष्य में भी लिखना जारी रखें। डॉ. चतुर्वेदी ने संचालन जैसे दुर्लभ परंतु गैर चर्चित विषय पर पुस्तक लिखने के निर्णय को असाधारण बताते हुए अपेक्षा जताई कि तिवारी भविष्य में इंजीनियरिंग जैसे विषय पर भी पुस्तक लिखेंगे। चतुर्वेदी ने पुस्तक के शीर्षक का जिक्र करते हुए संतोष तिवारी की शालीनता, सौम्य व्यक्तित्व की भी प्रशंसा की। वक्ताओं में ललित निबंधकार डॉ शोभा सिंह और यूपीएससी कोचिंग संचालक रनीश जैन, कुल मिलाकर वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में इस बात को स्वीकार किया कि मंच संचालन असाधारण ही नहीं बल्कि दुर्लभ है, जिसे संतोष तिवारी ने अपने शब्दों के सामर्थ्य से सहज बना दिया है।
कार्यक्रम में शहर की प्रमुख हस्तियों में डॉ जीके लाहोटी, डॉ जीके शर्मा, डॉ वीपी शर्मा, डॉ एचओ शर्मा, डॉ कांति शर्मा, परितोष तिवारी, चित्रा तिवारी, अतुल लुम्बा, कल्याण भार्गव, रवि माहेश्वरी, एडवोकेट निकलंक जैन मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन एलएनसीटी भोपाल व्याख्याता डॉ अमित बोध उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम व्यवस्थापक सोमेंद्र शर्मा रहे।
विजय शंकर मेहता-दिग्विजय सिंह ने किया भोपाल में विमोचन
संतोष तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक ‘छोटे मुंह, छोटी सी बात’ को प्रदेश में बड़ा महत्व मिल रहा है। इसकी एक झलक राजधानी भोपाल में आयोजित पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में भी देखने को मिली। जहां 50 वर्षों में 300 से अधिक बड़े कार्यक्रमों का मंच संचालन कर चुके संतोष तिवारी की पुस्तक का लोकार्पण करने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, आध्यात्मिक गुरु पं. विजयशंकर मेहता सहित प्रशासनिक महकमों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस कार्यक्रम में संतोष तिवारी ने मंच संचालक के उस मर्म को भी उजागर किया, जिसे आज तक किसी ने समझने का प्रयास तक नहीं किया। मसलन मंच संचालक पूरे कार्यक्रम को एकसूत्र में पिरोकर रखता है। परंतु कार्यक्रम संचालक उसे अपने निर्धारित फारमेट में संचालित करना चाहते हैं। इस तरह के अनेक कड़वे और मीठे अनुभव भी तिवारी ने साझा किए।