ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन हादसे के बाद पटरियों से लेकर सिग्नल-प्वाइंट और ओएचई की मरम्मत का काम इतनी रफ्तार से बढ़ा दिया है कि इसका असर ट्रेनों की रफ्तार पर पड़ रहा है। 60 से 70 किमी प्रति घंटे की औसत से चलने वाली अधिकांश यात्री ट्रेनें अब 40 से 50 किमी प्रति घंटे की औसत रफ्तार पर आ पहुंची हैं। हालात यह है कि ट्रेन एक घंटे से लेकर 24 घंटे तक लेट चल रहीं है।
जबलपुर, भोपाल और कोटा तीनों मंडल में ट्रेनों की रफ्तार कम
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल से लेकर भोपाल और कोटा, तीनों मंडल में ट्रेनों की रफ्तार और समय, पटरी से उतर गया है। दरअसल इन दिनों तीनों मंडल में पश्चिम मध्य रेलवे ने मेगा ब्लाक लिया है। अकेले जबलपुर रेल मंडल में इन दिनों 170 से ज्यादा ब्लाक हैं, जिसमें पटरी से लेकर सिग्नल और ओएचई की मरम्मम और देखरेख का काम चल रहा है। इतना ही नहीं 100 से ज्यादा प्वाइंट और रूट पर कौशन आर्डर यानि निर्धारित गति से कम रफ्तार में ट्रेनों को चलाने का निर्देश लागू है।
जीएम ने खुद संभाला मोर्चा, कंट्रोल में दो घंटे बैठे
ओडिशा के बाद जबलपुर रेल मंडल में हुए रेल हादसों की वजह से सतर्कता और संरक्षा, दोनों पर पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर गुप्ता खुद नजर रहे रहे हैं। हालात यह है कि पश्चिम मध्य रेलवे मंडल की सीमा में आने वाले लगभग 300 से ज्यादा रेलवे स्टेशन और दो हजार किमी से ज्यादा लंबे रेलवे ट्रैक में चल रहे मेगा ब्लाक से जुड़ी हर रिपोर्ट पर उनकी नजर है। हाल ही में पहली बार महाप्रबंधक जबलपुर रेल कंट्रोल कक्ष पहुंचे अौर यहां पर लगभग दो घंटे बैठकर ट्रेनों के संचालक का जायजा लिया। अभी तक ऐसा किसी महाप्रबंधक ने नहीं किया। इसका असर मेगा ब्लाक के कामों पर दिखा है। काम की संख्या और काम करने की रफ्तार बढ़ा दी है, हालांकि इससे ट्रेनों के निर्धारित समय पर बुरा असर हुआ है। ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं।
इतने ब्लाक कि अधिकारी, कर्मचारी भी हैरान
जबलपुर मंडल में इन दिनों पटरियों की मरम्मत के लिए लगभग 55 से ज्यादा ब्लाक लिए गए हैं । इसमें सबसे ज्यादा ट्रैफिक ब्लाक हैं, जिसमें कम से कम समय के लिए ट्रेनों का संचालक रोककर पटरियों की मरम्मत का काम किया जाता है। इधर सिग्नल के लिए लगभग 80 से ज्यादा ब्लाक और ओएचई के 25 ब्लाक लिए गए हैं। इनकी वजह से जबलपुर मंडल से 24 घंटे में गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है और यह घंटों लेट चल रही है। यही हाल मंडल की सीमा से लगे बिलासपुर, नागपुर और प्रयागराज रेलवे जोन की सीमा का है। जबलपुर से रवाना होने वाली ट्रेनों के साथ यहां से गुजरने वाली ट्रेनों के देरी से चलने से यात्री परेशान हैं।
दो से तीन घंटे के बाद ट्रेनें कर रहे रीशेड्यूल
जबलपुर से रवाना होने वाली ट्रेनों को देरी से रवाना किया जा रहा है। इन ट्रेनों को न सिर्फ देरी से बल्कि बार-बार रीशेड्यूल कर रवाना किया जा रहा है, िजिससे यात्री परेशान हैं। जबलपुर से रवाना होने वाली शक्तिपुंज, महाकौशल, श्रीधाम, संपर्कक्रांति, गोंडवाना, चित्रकूट समेत कई ट्रेनों को देरी से और कई बार रीशेड्यूल कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन का आपरेटिंग विभाग ने ट्रेनों के संचालन को पटरी से उतार दिया है। हालात यह है कि ट्रेन को प्लेटफार्म पर लाने के बाद भी घंटों देरी से रवाना किया जा रहा। शक्तिपुंज को दो दिन पहले तीन घंटे रीशेड्यूल किया, फिर तीन घंटे बाद इसे दो घंटे और रीशेड्यूल कर दिया। इधर रविवार को संपर्कक्रांति को पहले एक घंटे रीशेड्यूल किया, इसके बाद डेढ़ घंटे और रीशेड्यूल कर दिया। यह ट्रेन ढाई घंटे देरी से रवाना हुई।
ये ट्रेनें हुईं लेट
– पवन एक्सप्रेस 11061- 19 घंटे लेट
– पटलिपुत्र 12141 – 8 घंटे लेट
– जबलपुर-बांद्रा स्पेशल 02133- 10 घंटे लेट
– रीवा-जबलपुर 11706- एक घंटे लेट
– संपर्कक्रांति 12121- ढ़ाई घंटे लेट
– कामाख्या 12519- साढ़े तीन घंटे
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