-टेरिटोरियल फाइट में घायल बाघ की वन अधिकारियों की लापरवाही से गई जान
रामभरोस विश्वकर्मा, मंडीदीप रायसेन
ओबैदुल्लागंज वन मंडल के अंतर्गत आने बाले रातापानी अभ्यारण की दाहोद रेंज की करमई बीट में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया है। बाघ की मौत होने का कारण वन अधिकारियों ने टेरिटोरियल फाइट होना बताया रहा है। वन अधिकारियों का कहना है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के बाद ही बाघ की मौत का सही कारण पता चल सकेगा। फिलहाल वन विहार की टीम ने मृतक बाघ का पीएम कराने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
रातापानी अभ्यारण अधीक्षक सुनील भारद्वाज ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब 7:30 बजे करमई बीट में एक नर बाघ के मरने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने पर मौके पर रेस्क्यू टीम को भेजा गया। रेस्क्यू टीम के पहुंचने के पहले ही बाघ दम तोड़ चुका था। उन्होंने बताया कि मृतक बाघ की उम्र करीब ढाई से तीन साल थी। वह बुरी तरह से जख्मी था। पिछले 2 दिनों तक उसने पानी भी नही पिया। गुरुवार को शायद वह करमर्ई की पहाड़ी से उतर कर पानी की तलाश में आया होगा और इसी दौरान उसकी मौत हो गई।
सूत्र बताते हैं कि बाघ पिछले 5 दिनों से करमई गाँव की पहाड़ी पर एक गुफा में बैठा था साथ ही वह गंभीर रूप से घायल था इस बात की सूचना वन विभाग को पहले से ही थी इसके बाबजूद उच्च अधिकारियों ने इस पूरे मामले को गंभीरता से नही लिया और बाघ के पहाड़ी से नीचे आने तक का इनतेजार करते रहे पाँच दिनों से घायल बाघ भूख प्यास से तड़प कर मर गया अगर समय रहते वन विभाग जाग जाता और सक्रियता दिखाते हुए बाघ को रेस्क्यू कर लेता और इलाज समय पर मिल जाता तो शायद बाघ की जान बचाई जा सकती थी ।