बालमपुर घाटी पर हादसों को रोकने एमपीआरडीसी ने टूटी रेलिंग की जगह सीमेंट की बोरियां भरकर रेडियम लगवाये
मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन हो रहे हादसों को रोकने के लिए एमपीआरडीसी ने टूटी हुई रेलिंग की जगह सीमेंट की बोरियां भरकर उसमें रेडियम लगवा दिए हैं। ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगे और रास्ता स्पष्ट दिखाई दे सके।इसके लिए सड़क के गहरी खाई साइट वाले हिस्से पर सीमेंट की बोरियां भरकर रेडियम पट्टी लगाई गई थी, जिससे रात के समय वाहन चालकों को घाटी पर अंधे मोड़ की सूचना पहले से मिल सके।
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व बालमपुर की घाटी पर लोहे की रेलिंग लगाई गई थी। जो आए दिन दुर्घटनाओं के कारण बार-बार टूट रही है जिसकी वजह से कई वाहन हादसों का शिकार होकर खाई में गिर चुके हैं। भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे की बालमपुर घाटी पर कुछ समय पूर्व अशोक लीलैंड ट्राला जीजे 12 जेड 1725 रेलवे रेक पॉइंट से लोहे की टीन के रोल लेकर जमुनिया वेलस्पन कंपनी जा रहा था। तभी रास्ते में बालमपुर की घाटी पर चढ़ते समय ट्राले के ब्रेक फेल हो गए और ट्राला रिवर्स होकर नीचे खाई में उतर गया। हालांकि इस घटना में ड्रायवर और क्लीनर दोनों ने ट्राले से कूदकर अपनी जान बचा ली, अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। अभी कुछ समय पहले ही घाटी पर सुबह लगभग पांच बजे कटनी से चावल भरकर इंदौर जा रहे आयशर मिनी ट्रक क्रमांक एच आर38 आर 7261 ब्रेक फेल होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया था। इससे पहले भी कई बार इस घाटी पर ट्रक पलट चुके हैं पिछली साल भी एक हार्वेस्टर के ब्रेक फेल होने के कारण तालाब में गिर गया था कुछ दिन पहले भी एक टैंकर का इसी घाटी पर आज खेलने के कारण कई लोग कुशल से घायल हुए थे जिसमें से एक व्यक्ति का पैर भी फैक्चर हो गया था।
कुछ दिन पहले ही मिनी ट्रक में ड्राइवर सहित सवार तीन लोग सवार थे। जिन्होंने ट्रक से कूदकर अपनी जान बचाई थी। इसलिए तीनों को मामूली सी चोटें आई थी। वहीं घाटी पर मोड़ होने केे कारण अक्सर वाहन खाई मैंं चले कारण बार-बार रेलिंग टूट रही हैं हर बार रेलिंग को दूरस्थ कर दिया जाता था। इसके बाद भी बार-बार रेलिंंग टूटने के कारण इस बार सीमेंट की बोरियां भर कर रखी गई थी। ताकि वाहन चालक को दूर से ही देख सके सीमेंट से भरी बोरी भी सड़ गल कर बिखर चुकी है जगह-जगह रेलिंग टूट गई है। अगर अब कोई वाहन दुर्घटना का शिकार होता है तो सीधा खाई में जाकर गिरेगा इससे बड़ी होने से इनकार नहीं किया जा सकता बालमपुर घाटी पर एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ 25फीट गहरी खाई है इस25 फीट गहरी खाई में कभी भी वाहन गिर सकता है क्योंकि रेलिंग पूरी तरह से टूट चुकी है इसके बावजूद भी एमपीआरडीसी द्वारा बालमपुर घाटी की रेलिंग नहीं लगाई गई जिधर खाई है उस तरफ सीमेंट की बोरियां भर कर रख दी है जब कोई बड़ा वाहान इन बोरियों से टकराकर तो क्या बच सकता है
इनका कहना है-
मैं रोज भोपाल जाता हूं मेरा काम फूलों का है जब भी सुबह बालमपुर जाता हूं एक ना एक वहान बालमपुर की घाटी पर खड़ा मिलता है चढ़ते और उतरते समय हमेशा डर लगता है कहीं दूसरा वाहन आगे पीछे से टक्कर ना मार दे क्योंकि एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ 15 फीट गहरी खाई है ।
पवन प्रजापति यात्री
मेरा एलआईसी का काम है मैं हमेशा भोपाल आता जाता रहता हूं एमपीआरडीसीद्वारा कुछ महीने पहले प्लास्टिक की बोरी में मिट्टी भरकर खाई तरफ रखी गई थी गर्मियों में बोरियां सड़ गई जिससे मट्टी वही बिखर गई अगर कोई वाहन घाटी उतरते समय इन बोरियों से टकराएगा तो क्या बच सकता है बल्कि टकराते हुए 15 फुट गहरी खाई में जाकर गिर जाएगा जिससे एक बड़ी अनहोनी हो सकती है एमपीआरडीसी को खाई तरफ एक ठोस रेलिंग लगाना चाहिए जिससे वाहन टकराकर घाटी पर ही रुक जाए।
जितेंद्र मीणा यात्री