जबलपुर। किसी परीक्षा के आयोजन के लिए सरकारी परीक्षा केंद्र सदैव उपयुक्त माना जाता है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक कक्ष में टिफिन खोलते ही कर्मचारियों में परीक्षा केंद्रों को लेकर चर्चा शुरू हो गई। एक कर्मचारी ने कहा कि सरकारी कालेजों में परीक्षा के दौरान नकलचियों पर नकेल कस जाती है। इसलिए नकलची चाहते हैं कि परीक्षाएं निजी कालेजों में हों। मुंह में निवाला डालते हुए दूसरे ने कहा कि निजी कालेज वाले भी तो चाहते हैं कि परीक्षा केंद्र सरकारी कालेज न बनने पाएं। सुनने में आया है कि पिछली बार प्रति छात्र पांच हजार रुपये की उगाही हुई थी। तीसरे ने कहा इस बार फिर उसी राह पर गाड़ी चल पड़ी है। निजी कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाकर मालामाल होने का षडयंत्र किया जा रहा है। कार्यपरिषद सदस्यों को कुछ करना होगा। चौथा बाेला, उनकी कहां चलती है। एफडीआर घोटाले में उनकी ईओडब्ल्यू जांच की अनुशंसा धरी की धरी रह गई।
वसूली के लिए हाइवे पर उतार दिए दबंग
जबलपुर-नागपुर नेशनल हाइवे पर बरगी के आसपास भारी वाहनों के चालकों से अवैध वसूली ने जोर पकड़ लिया है। इस कार्य में दबंगों की भी मदद ली जा रही है। जो बेखौफ होकर बेजा वसूली कर रहे हैं। वसूली के इस अड्डे के आसपास परिवहन विभाग (आरटीओ) का अमला भी वाहनों की जांच पड़ताल करता नजर आता है। कुछ दिन पहले की बात है। एक ट्रक चालक अवैध वसूली के खिलाफ खड़ा हो गया। उसके बिफरते ही दबंगों को ‘छू’ कर दिया गया। फिर क्या था, ट्रक चालक को बेरहमी से पीटा गया। सुनने में आया कि उसके एक हाथ की हड्डी टूट गई। अब मामला गंभीर हो गया। ट्रक चालक ने वसूलीबाजों को निपटाने की योजना बना ली। परंतु ‘खाकी’ की मध्यस्थता में डेढ़ लाख में सौदा तय किया गया। वसूलीबाजों ने यह रकम ट्रक चालक को थमाया और हाथ पैर जोड़कर उसे गंतत्व के लिए रवाना कर दिया।
साेनू का साथ तो बाबा अमरनाथ की जय
बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। विक्टोरिया अस्पताल में मात्र 500 रुपये में इस दुर्गम धार्मिक यात्रा के लिए आसानी से शारीरिक फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं। परंतु इसके लिए ‘सोनू’ का साथ जरूरी है। जिसे सोनू के अड्डे की जानकारी नहीं वह प्रमाण पत्र के लिए भटकता रहता है। निजी संस्थान में कार्य करने वाले एक युवक ने बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारी की। फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए विक्टोरिया पहुंचा। काफी परेशान होने के बाद एक युवक ने सहारा दिया जिसने स्वयं का नाम सोनू बताया। फिर क्या, सोनू ने उससे 500 रुपये मांगे। रकम मिलने के 10 मिनट बाद फिटनेस प्रमाण पत्र युवक के हाथ में। सोनू को 500-500 थमाने वालों ने नारा दिया है कि ‘साेनू का साथ तो बाबा अमरनाथ की जय।’ सोनू है कौन, यह तो वे ही जाने जहां-जहां वह हिस्सेदारी पहुंचाता है।
एएसपी ने गुर्गे को ही निपटा दिया
पुलिस विभाग में कई मझोले साहब (एएसपी) हैं। जिनके कामकाज का तरीका, आचार-विचार भी अलग-अलग हैं। इनमें से एक मझोले साहब ऐसे निकले जिन्होंने खास गुर्गे को ही निपटा दिया। यातायात विभाग के एक आरक्षक की पहचान साहब के गुर्गे के रूप में होने लगी है। आरक्षक से साहब की नजदीकी क्राइम ब्रांच के दौर से बढ़ी थी। जिसके बाद साहब की तमाम जरूरतों को पूरी करने की जिम्मेदारी उसकी हो गई। हौसले इतने बुलंद हो गए कि यातायात थाने में भेजे जाने के बाद भी क्राइम ब्रांच की तरह दबिश देता रहा। पर एक गलती कर बैठा। पुराने हवाला कारोबारी की दुकान पर रेड कर दी। कुछ नहीं मिला तो उसी से लाखों रुपये लूट लिए। विभागीय जांच रिपोर्ट उसकेे खिलाफ है। नौकरी पर भी आंच आ सकती है। इधर, साहब ने मुसीबत के समय उसका साथ छोड़ दिया है। क्योंकि उनकी पदोन्नति अटकी हुई थी।
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