बुरहानपुर । बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन के अधिकारियों को मां की जिद के आगे आखिर झुकना पड़ा। समिति के पदाधिकारियों ने ढाई साल की बच्ची आरोही को उसके माता-पिता को सौंप दिया।
उल्लेखनीय है कि स्वजनों द्वारा बच्ची की बेदम पिटाई की शिकायत मिलने के बाद पांच अप्रैल को चाइल्ड लाइन ने सुरेखा से उसकी बेटी लेकर बाल कल्याण समिति के माध्यम से शिशु गृह खंडवा भेज दिया था। अपनी बच्ची वापस पाने के लिए सुरेखा तब से घर छोड़ कर बाल कल्याण समिति के कार्यालय के बाहर डटी हुई थी।
वह लोगों से मिला भोजन करती थी और रात फुटपाथ पर बिताती थी। इसे लेकर मदर्स डे पर नईदुनिया ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने सुरेखा का मनोरोग चिकित्सक से इलाज कराने के साथ ही उसकी काउंसलिंग भी की थी।
बुधवार को मां सुरेखा और पिता अमर सिंह निवासी टांडा गांव ने बाल कल्याण समिति को लिखित में आश्वासन दिया कि वे अब बच्ची के साथ मारपीट और क्रूर व्यवहार नहीं करेंगे। जिसके बाद समिति ने बच्ची उन्हें सौंप दी। इस दौरान बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सलूजा, सदस्य रजनी गट्टानी, मनोज चहल, चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक पवन पाटिल, सदस्य फ्रैंक एंथोनी, मीनाक्षी अस्वार, निरल टोप्पो, ईश्वर महाजन सहित बालिका के रिश्तेदार उपस्थित थे।
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