जबलपुर। अधिवक्ता कल्याण योजनाओं का लाभ लेने वेरीफिकेशन कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है। स्टेट बार में आवेदनों की भरमार हो गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के वकीलों की सर्वोच्च संस्था एमपी स्टेट बार कौंसिल ने राज्य के सभी वकीलों को आदेश जारी कर निर्देशित किया था कि वे अपना वेरीफिकेशन आवश्यक रूप से करा लें। ऐसा न किए जाने की सूरत में वे अधिवक्ता कल्याण संबंधी सभी तरह के लाभों से वंचित हो जाएंगे।
स्टेट बार के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी, प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष व मानद सचिव राधेलाल गुप्ता ने बताया कि उक्त व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट व बार कौंसिल आफ इंडिया के दिशा-निर्देश के अनुरूप दी गई है। इसके लिए शनिवार को बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रस्ताव पारित किया गया कि सुप्रीम कोर्ट व बीसीआइ की मंशा के अनुरूप जिन वकीलों का वेरीफिकेशन नहीं हुआ है, उन्हें स्टेट बार से मिलने वाले लाभ नहीं दिए जाएंगे।
मप्र में वकीलों की संख्या एक लाख 22 हजार
उल्लेखनीय है कि मप्र में वकीलों की संख्या एक लाख 22 हजार है। इनमें से कई अधिवक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक वेरीफिकेशन नहीं कराया है। स्टेट बार वाइस चेयरमैन सैनी ने साफ किया कि राज्य के वकील स्टेट बार कार्यालय से फार्म प्राप्त कर सकते हैं। निर्धारित प्रारूप में फार्म भरने के बाद ही वे स्टेट बार की अधिवक्ता कल्याण संबंधी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगे। लिहाजा, बाद में होने वाली असुविधा से बचने सावधानी का परिचय दें। बैठक में स्टेट बार सदस्य जगन्नाथ त्रिपाठी, राजेश पांडे व जितेंद्र शर्मा सहित अन्य ने असुविधा से बचने सावधानी का परिचय देने की अपील की है।
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