शिवलाल यादव रायसेन
लोक निर्माण विभाग रायसेन द्वारा हरियाणा के जिंदल सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा सड़क का निर्माण लगभग ₹32 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है।यह फोरलेन सड़क मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। शुरुआती दौर से ही इस घटिया फोरलेन सड़क पर लोगों ने सवाल खड़े किए थे।
इसके बावजूद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की मनमानी की वजह से भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की भेंट चढ़ चुका है ।जब जगह-जगह से सांची रोड पर यह फोरलेन सड़क धंसक गई तब सड़क के जिम्मेदार विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह ने इस फोरलेन की सुध ली ।और घटिया सड़क नाला निर्माण को लेकर लोकनिर्माण विभाग रायसेन के अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिराई। लेकिन सड़क ठेकेदार जिंदल को साफ बचा दिया ।तमाम शिकवा शिकायतों के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर फोरलेन सड़क पर चौथी बार पेज पर शुरू हो गया है ।वर्तमान में भी जो सड़क पर पेंचवर्क के डामर के थेगड़े लगाए जा रहे हैं वह घटिया स्तर के हैं। टेक्निकल अधिकारियों और ठेकेदार के गैरमौजूदगी में यह काम फिर से बेहद घटिया तरीके से कराया जा रहा है।इस बात की चर्चा शहर के चौक चौराहे पर आम है।
एक्सपर्ट व्यूह…..
पेंचवर्क कार्य तकनीकी तरीके से कराया जाना चाहिए ।सबसे पहले पैच वर्क में 4 पॉइंट पर काम होता है ।पहले स्तर पर बाइब्रेट रोड रोलर की मदद से समतलीकरण होता है ।इसके बाद सीमेंट और कोपरा से परत डाली जाती है ।इसके बाद डामर का लेप डाला जाता है। सबसे आखिर में बारीक काली गिट्टी चूरी मिश्रण डाला जाता है ।इन तमाम चार तरह की प्रक्रियाओं के पूर्ण होने पर ही पेंचवर्क कार्य मजबूत होता है। अगर इसमें लापरवाही बरती गई तो यह सड़क फिर से दरक जाएगी ।
–अरुण कुमार निगम रिटायर्ड एसडीओ लोक निर्माण विभाग
नालों के निर्माण में नर्मदा नदी रेत की बजाय सफेद चट्टान का चूरा इस्तेमाल…
जिंदल ठेकेदार द्वारा सांची रोड़ पर बनाए जा रहे दोनों साइड नालों के निर्माण में नर्मदा नदी की रेत के इस्तेमाल करने की बजाय सफेद पत्थर से मशीनों से बनाई गई रेत चूरा का सीमेंट घोल के साथ मिश्रण धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है।जबकि पीडब्ल्यू डी के इस्टीमेट में सीमेंट और नर्मदा नदी रेत के घोल का जिक्र है।तमाम नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए नालों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।