इंदौर। वकीलों को जब-जब कम महत्व मिला, कांग्रेस कमजोर हुई। आगामी चुनाव में वकीलों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिए जाने चाहिए। अभिभाषक अगर ठान लें तो सरकार को बदलने की ताकत रखते हैं।
यह बात वरिष्ठ अधिवक्ता और सांसद विवेक तन्खा ने कही। वे रविवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अधिवक्ताओं की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने भी संबोधित किया। तन्खा ने कहा कि इस समय देश एक संकट के दौर से गुजर रहा है। सीबीआई, ईडी जैसी संस्थाओं पर लोगों का विश्वास लगातार कम हो रहा है। देश मे जो कुछ घट रहा है, वकील उसके खिलाफ आवाज उठाएं। वकीलों की चरित्रावली (सीआर) कोई नहीं लिखता। उन्हें खुद अपने काम से अपनी सीआर लिखना होती है। उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। वे इंसाफ के सिपाही बनकर उन ताकतों को रोकें जो देश को कमजोर कर रही हैं।
चुनी हुई सरकारें गिराई जा रही हैं, देश चुप है – सिब्बल
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री भाजपा शासित राज्यों में जाकर कहते हैं कि डबल इंजन सरकार है, लेकिन ऐसा है नहीं। जहां भाजपा सरकार है वहां लोगों पर झूठे मुकदमे लादे जा रहे हैं। जहां भाजपा सरकार नहीं है वहां जनता द्वारा चुनी गई सरकारें गिराई जा रही हैं। देश फिर भी चुप है। अन्याय के खिलाफ अब देश को खड़े होने की जरूरत है।
ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल हो रहा – पित्रोदा
कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि ईडी, सीबीआई जैसे संस्थान को आज सरकार अपने हिसाब से उपयोग कर रही है। यह चिंता की बात है। ऐसे समय में वकीलों को अपनी सही भूमिका निभाना होगी। महात्मा गांधी भी वकील थे। उन्होंने देश को आजाद कराने का संकल्प लिया और उसे पूरा किया। वकीलों को अपनी ताकत पहचानना होगी। कार्यक्रम में विधायक जीतू पटवारी, पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल, राज्य अधिवक्ता परिषद सदस्य जय हार्डिया ने भी संबोधित किया। संचालन एडवोकेट सौरभ मिश्रा ने किया।
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