भोपाल। मध्य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं को क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपेगी। इसमें नेताओं को अपने प्रभाव क्षेत्र के अलावा भी उन क्षेत्रों में भेजा जाएगा, जहां कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है।
अभी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसे क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके संगठन की स्थिति और चुनाव की तैयारियों का आकलन कर रहे हैं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार पार्टी ने कमजोर सीटों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में ध्यान देने की कार्ययोजना बनाई है, जहां कम मतों के अंतर से हार-जीत होती रही है। यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भेजकर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के साथ उन व्यक्तियों से भी सपंर्क का अभियान चलाया जाएगा, जो प्रभावी भूमिका में हैं। जातिगत समीकरणों को साधन के प्रयास करने के साथ नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का भी काम होगा।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को निमाड़ के साथ-साथ उन क्षेत्रों में सक्रिय किया जाएगा, जो अन्य पिछड़ा वर्ग बहुल हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विंध्य और बुंदेलखंड, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा सहित अन्य क्षेत्र में कार्यक्रमों का दायित्व संभालेंगे। विवेक तन्खा जबलपुर के साथ महाकोशल के आदिवासी क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ग्वालियर- चंबल, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, तरुण भनोत, कमलेश्वर पटेल, उमंग सिंघार, सुरेंद्र सिंह बघेल सहित अन्य को भी कुछ सीटों की जिम्मेदारी दी जाएगी।
संभागीय में होंगे सम्मेलन
पार्टी के मई-जून से संभागीय सम्मेलन प्रारंभ होंगे। प्रयास यही रहेगा कि इनमें सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित हों ताकि कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करने का संदेश दिया जा सके। बीस अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ बीना में कार्यक्रम करेंगे। यह सीट पार्टी लगातार हार रही है और कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.