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मध्य प्रदेश में फिर लंपी वायरस बालाघाट जिले में पशु हुए शिकार

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बालाघाट। बालाघाट जिले में लगातार लंपी वायरस से पशुधन ग्रसित होते जा रहे है। जिससे पशु मालिक व किसानों के बीच दहशत का माहौल निर्मित हो गया तो वहीं पशु चिकित्सा विभाग भी इस बीमारी से कैसे लड़े इससे जूझ रहा है। दरअसल बालाघाट जिले में छह लाख 77 हजार 66 पशुधन है। वहीं जिसमें से बालाघाट विकासखड में 59 हजार 168 पशुधन है। ऐसे में ये बड़ा सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में पशुधन को पशु चिकित्सा विभाग किस तरह से बचा पाएगा। कारण एक तरफ तो विभाग के पास अमले की कमी है तो दूसरी तरफ बडी संख्या में पशुधन आवार स्थिति में यहां वहां भटकते रहते है जो लंपी बीमारी का एक दूसरे में फैलने का खतरा भी बने हुए है।

दस विकासखंडों में फैली बीमारी

वर्तमान समय में जिले के समस्त दसों विकासखंड में लंपी बीमारी से पशुधन ग्रसित है व होते जा रहे है। ऐसे में इस बीमारी से पशुधन को बचाने के लिए जिले में कुल 47 चिकित्सक के पद है। जिसमें से महज 26 चिकित्सक ही पदस्थ है और इसमें से भी कई चिकित्सक कार्यालय कार्य में पदस्थ है। जिससे लंपी बीमारी से पशुधन को बचाने के उपाय नाकाफी साबित हो रहे है। जिससे इस बीमारी से पीडि़त पशुधन की मौत भी हो रही है।

इन स्थानों पर नहीं चिकित्सक

बालाघाट मुख्यालय के पुश चिकित्सा विभाग में दो पशु चिकित्सक पदस्थ है इसके साथ ही हट्टा व लामता में है। पदस्थ है। वहीं लांजी, खैरलांजी, परसवाड़ा, लालबर्रा विकासखंड के साथ ही यहां के ब्लाक ऐरवाघाट, कारंजा, मोहझरी में पशु चिकित्सक ही पदस्थ नहीं है। जिससे इस बीमारी के फैलने की चिंता अधिक बढ़ गई है। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग लगातार अस्पताल व फोन के माध्यम से किसान व पशुधन पालकों को जागरुक करने की बात कहता नजर आ है।

पिठले वर्ष लांजी के रास्ते पहुंची थी लंपी की बीमारी

बालाघाट जिले में पिछले वर्ष भी लंपी बीमारी के प्रकरण मिले थे। मिली जानकारी के अनुसार यह बीमारी छत्तीसगढ़ से लांजी के रास्ते बालाघाट पहुंची थी। इस वर्ष भी जनवरी माह की शुरुआत से ही इस बीमारी के पशुधन मिल रहे है। ऐसी स्थिति में लांजी क्षेत्र में ही पशु चिकित्सक का न लंपी बीमारी के प्रकरण को अधिक बढ़ा रहा है। दसों विकासखंडों में तीन-तीन हजार वैक्सीन का किया गया वितरण जिन्हें लगाने का किया जा रहा कार्य।

बालाघाट जिले में लंपी बीमारी के पशुधन मिल रहे है। इसके लिए लगातार भ्रमण किया जा रहा है और लोगों को समझाइस दी जा रही है कि वे ग्रसित पशुओं को बाहर न छोड़े और हर समझाइस का पालन करें। वहीं विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शासन स्तर को अवगत कराया गया है। हमने अधिकारी स्तर से लेकर चिकित्सक के रिक्त पदों की सूची भेजी हुई है। –डा. पीके अतुलकर, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवा।

मुख्य बिंदु

– बालाघाट जिले में कुल छह लाख 77 हजार 66 पशुधन।

– बालाघाट विकासखंड में 59 हजार 166 पशुधन।

– जिले में कुल पशु चिकित्सक के 47 पद स्वीकृत।

– जिले में सिर्फ 26 पद भरे हुए जिसमें से कुछ कार्यालय में कार्यरत।

– अप्रैल माह में अब तक 80 से अधिक प्रकरण आए सामने।

– मार्च माह में 150 से अधिक पशुधन का किया गया उपचार

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