इंदौर। क्या कहें इस चाय को… जिसका जिक्र होते ही तन-मन में ताजगी फर्राटे भरने लग जाती है… जब दोस्त साथ हों तो खट्टी-मीठी यादें ताजा कर देती हैं… जब दिल में कोई दर्द हो तो सहारा बन जाती है… इश्क में डूबे दो दिल मिले तो चाय के साथ बातों का खुशनुमा दौर कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता। इसी चाय के बारे में जब इंदौरियों के दिल का हाल जाना जाए तो लबों पर मुस्कान और चेहरे पर ऐसी चमक बिखर जाती है जो कहती है कि इससे बढ़कर कुछ नहीं। इससे बड़ी दीवानगी कुछ नहीं। चाय की इस दीवानगी ने ही इंदौर को एक अलग पहचान दी है। यहां से शुरू हुए चाय के स्टार्टअप आज देश-दुनिया के लोगों को इंदौरी चाय का दीवाना बना रहे हैं और चाय से आय के मामले में इंदौर के स्टार्टअप आज कौड़ियों से करोड़ों तक पहुंच गए हैं।
इंदौर देश का एकमात्र ऐसा शहर जहां चाय की दीवानगी सबसे ज्यादा देखी जाती है। हर दिन शहर में करीब सात लाख चाय लोगों के लबों तक पहुंचती है। पिछले तीन से चार वर्षों में स्टार्टअप को गति मिलने से विभिन्न तरह की चाय बनाने वाले नए कैफे भी शहर में आ गए हैं। करीब आठ हजार छोटे बड़े कैफे में लोग सूरज की पहली किरण से लेकर तारों की छांव तक चाय की चुस्कियां लेते नजर आते हैं। चाय को लेकर इंदौर से शुरू हुए करीब 200 स्टार्टअप के नाम स्टार्टअप इंडिया में रजिस्टर्ड हैं। यहां चाय की दीवानगी देखकर अब तो अन्य राज्यों के कई ब्रांड भी इंदौर में आ चुके हैं।
इस तरह देखा जाए तो चाय से आय का गणित करोड़ों तक पहुंच गया है। विभिन्न तरह की चाय की बात करें तो अदरक से लेकर तुलसी, चाकलेट, जिंजर, मसाला, इलायची, केसर, पान, राेज, बटरस्काच, मैंगो चाय लोगों की तलब पूरी करती है। इसके अलावा आइस टी में लेमन मिंट, पीच टी, लीची, कीवी, ग्रीन मिंट, ग्रीन एप्पल जैसी 25 से ज्यादा वैरायटी की चाय शहर में बनती हैं।
कई आउटलेट 60 साल से परोस रहे चाय
शहर में छोटी-बड़ी चाय की दुकानों की बात करें तो इनकी संख्या करीब 10 हजार है। चाय आउटलेट और चाय पत्ती व्यापारियों के अनुसार शहर में रोजाना छह से सात लाख कप चाय परोसी जाती है। वर्षा और ठंड के समय में इसमें एक से डेढ़ लाख कप बढ़ जाते हैं। इंदौर की दुकानों पर रोजाना करीब 15 हजार किलो चाय पत्ती बिक जाती है। 56 दुकान, विजय नगर, भंवरकुआं, राजवाड़ा और रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में सबसे ज्यादा चाय की ब्रिकी होती है।
चाय के कई नामी ब्रांड जिन्होंने अपनी शुरुआत बहुत छोटे रूप में इंदौर में की थी, वे देश ही नहीं दुबई तक भी पहुंच गए हैं। वहां भी आउटलेट शुरू कर इंदौरी चाय का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके अलावा शर्मा चाय, चाय कापी, ईरानी चाय, राजानी चाय सदन, टिमटिम चाय, शिवा चाय, सोलर चाय, उत्साह चाय और अन्य नाम से भी शहर में आउटलेट हैं, जिसमें से कई 50 से 60 वर्षों से इंदौरियों को चाय परोसे रहे हैं।
इस तरह की चाय पसंद आ रही
आउटलेट संचालकों के अनुसार अदरक, इलायची और मसाला चाय सबसे ज्यादा डिमांड में रहती है। इसके बाद चाकलेट, पान और कई तरह की चाय का टेस्ट लेने वाले भी काफी संख्या में आते हैं। चाय के कई दीवाने काली मिर्च, कच्ची हल्दी और सौंठ की चाय भी पसंद करते हैं जो ज्यादातर आउटलेट पर रहती है। शहर की गलियों में आज भी कई ऐसी दुकानें हैं जो अपनी खास वैरायटी के कारण जानी जाती हैं। ऐसी ही एक दुकान मंगलसिटी माल के पास गुजराती भेल-चाय है। यहां की रबड़ी चाय 20 वर्षों से प्रसिद्ध है। इन वर्षों में दुकान की लोकेशन कई बार बदल गई, लेकिन चाय के दीवाने दुकान को ढूंढते हुए नई जगह पर पहुंच ही जाते हैं।
यहां की चाय भी इंदौरियों को खींच लेती है
– विजय नगर क्षेत्र में 500 से ज्यादा चाय के आउटलेट हैं। इसमें ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के आसपास बीपीओ कंपनियों के होने से 24 घंटे चाय की चुस्कियां लेते हुए युवा दिख जाते हैं।
– भमोरी क्षेत्र में तीन से चार ऐसे आउटलेट हैं जहां सुबह सात से रात 12 बजे तक चाय उबलती रहती है। सुपर चाय को पीने के लिए रोजाना हजारों लोग आते हैं।
– कोठारी मार्केट में व्यापारियों के लिए भी कुछ आउटलेट हैं, जहां रानीपुरा, महारानी रोड और जेल रोड के सालों पुराने स्थायी ग्राहकों के साथ मार्केट में आने-जाने वाले हजारों लोग चाय का आनंद लेते हैं।
– गोराकुंड चौराहे पर विशाल टी चाय पर खजूरी बाजार, सीतलामाता बाजार सहित आसपास के व्यापारी और उनके ग्राहक चाय पीने आते हैं।
– विजय नगर में मेघदूत गार्डन के सामने शिवा चाय है। जहां पर डांसिंग चाय मिलती है।
– बंबई बाजार में ईरानी चाय भी इंदौर की फेमस चाय है। यहां खास नमक की चाय भी मिलती है।
– विजय नगर में मंगल सिटी के पास सोलर चाय मिलती है। यहां सौर ऊर्जा से चाय बनती है।
इंदौर से चाय का रिश्ता पुराना है
इंदौर की सुबह चाय से ही होती है। ऐसा नहीं है कि यह क्रेज अभी अभी बढ़ा है, पुराने समय में भी राजवाड़ा की गलियों में लोग आधी रात तक चाय पीने जाते थे। इस परंपरा को हम आगे बढ़ा रहे हैं और जो टेस्ट इंदौर में है उसे देश-दुनिया में फैला रहे हैं। हम सात तरह की चाय परोसते हैं जिसमें सामान्य चाय से लेकर अदरक और कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। इंदौर को हम हर दिन 15 से 20 हजार चाय परोस रहे हैं। अगर पूरे भारत की बात करें तो रोजाना तीन से साढ़े चार लाख कप चाय पिला रहे हैं।
– अनुभव दुबे, फाउंडर, चाय सुट्टा बार
दुनियाभर में होती है इंदौरी चाय की चर्चा
प्रेरणा की प्याली है चाय। चाय सुकून देती है और माइंड रिफ्रेश होता है। सही मायने में देखा जाए तो इंदौर से चाय को सही पहचान मिली है। आज देश ही नहीं दुनियाभर में इंदौरी चाय की चर्चा होती है। इंदौर की कई चाय के स्टार्टअप आज देश-दुनिया में नाम कमा रहे हैं। हम भी रोजाना लाखों कप चाय देशवासियों को परोस रहे हैं। चाय की मांग को देखते हुए हम चाय पत्ती भी बाजार में ले आए हैं।
– प्रफुल्ल बिल्लौर, फाउंडर, एमबीए चाय वाला
चाय का असल टेस्ट दे रहे
महाराष्ट्र और देश के अन्य शहरों में चाय के मामले में प्रसिद्ध येवले अमृततुल्य की इंदौर में बहुत जरूरत थी। जिस तरह से इंदौरी तपेली में बनी चाय को पसंद करते रहे हैं उसी तरह हम इंदौर को असल चाय का टेस्ट दे रहे हैं। किसी भी उम्र के चाय के दीवाने हों, हमारे पास सभी तरह की वैरायटी मौजूद है। इस समय इंदौर में येवले के 13 आउटलेट हैं। इसमें से हम चार आउटलेट का संचालन कर रहे हैं।
– सुमित मनचंदानी, संचालक, येवले इंदौर फ्रेंचाइजी
दो महीने में ही मिला जबरदस्त रिस्पांस
देश में कहीं भी जाएं जहां भी चाय का नाम आता है इंदौर का नाम जुड़ ही जाता है। हमने भी इसकी शुरुआत इंदौर से की। विजय नगर में हमें आउटलेट शुरू किए दो महीने ही हुए हैं और इतने कम समय में जो रिस्पांस मिला है वह जबरदस्त है। आने वाले दिनों में हमारी कोशिश शहर के अन्य क्षेत्रों में भी स्थापित होने की है। हमारे पास तुलसी, चाकलेट, जिंजर, मसाला, इलायची के अलावा केसर, पान, राेज, बटरस्काच और मैंगो चाय जैसी वैरायटी हैं, जिन्हें युवा काफी पसंद कर रहे हैं।
– गौरव प्रताप सिंह झाला, संचालक, चाय चस्का फ्रेंचाइजी
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