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भूलकर भी इस दिशा में ना रखें मां लक्ष्मी की मूर्ति‍

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विघ्नहर्ता भगवान गणेश को माता लक्ष्मी का मानस पुत्र कहा जाता है। भगवान गणेश के बिना मां लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है। मां लक्ष्मी के पूजन के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखे अन्यथा हो सकता है आर्थिक संकट।
मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए हर घर में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान गणेश को ज्ञान का देवता और माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। भगवान गणेश के बिना मां लक्ष्मी का पूजन अधूरा माना जाता है। क्योंकि ज्ञान के बिना धन आपके पास अधिक समय तक नहीं रह सकता। तथा वास्तुशास्त्र के अनुसार धन संबंधी बाधाएं आने का कारण है कि हम जाने अनजाने में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी पूजन में गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ती घर में किस ओर और कैसे स्थापित करें।

इस अवस्था में ना रखें मां लक्ष्मी की मूर्ति‍

सनातन हिंदु धर्म में मां लक्ष्मी की मूर्ति‍ लगभग हर घर में रखी जाती है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार हर रोज मां लक्ष्मी की अराधना करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। लेकिन आपको बता दें घर में इस तरह रखी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ती आपको नुकसान पहुंचा सकती है। जी हां मंदिर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति‍ जरूर होनी चाहिए। लेकिन कई बार लोग जाने अनजाने में मां लक्ष्मी की मूर्ति‍ खड़ी अवस्था में रख देते हैं, माता के इस स्वरूप में की जाने वाली पूजा फलित नहीं मानी जाती है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवी लक्ष्मी चंचल होती हैं इसलिए कभी भी उनकी मूर्ति‍ या प्रतिमा खड़े अवस्था में नहीं रखना चाहिए। खड़ी मूर्ति‍ विराजमान करने से माता ज्यादा देर उस स्थान पर नहीं टिकती हैं। इसलिए कमलासन पर विराजमान माता की मूर्ति‍ स्थापितकरें।

इस दिशा में रखें भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति‍

घर में मां लक्ष्मी की मूर्ति‍ भगवान गणेश जी के साथ रखने से सुख समृद्धि का वास होता है तथा धन की कमी नहीं होती। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ती उत्तर दिशा में रखना चाहिए, इसके पीछे एक पौराणिक कथा मौजूद है। चिरकाल में भगवान शिव ने गुस्से में आकर गणेश जी का वध कर दिया था, इसके बाद शिव ने अपने दूतों को उत्तर दिशा में भेजा और कहा इस रास्ते पर जो भी पहले मिल जाए उसका धड़ लेकर आओ। उस समय भगवान शिव के दूत ऐरावत का मुख लेकर आए थे। इसलिए भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति उत्तर दिशा में रखनी चाहिए।

मां लक्ष्मी की मूर्ती के साथ क्यों रखी जाती है भगवान गणेश की मूर्ती

पौराणिक ग्रंथों में विघ्नहर्ता भगवान गणेश को ज्ञान का देवता कहा जाता है, जो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उसे रोग दोष से बचाते हैं और माता लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी कहा जाता है। ज्ञान के बिना व्यक्ति के पास धन का कोई मूल नहीं है। यदि व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं होगा तो वह अपने गलत आदतों के चलते धन का दुरुपयोग करेगा और उसके पास मां लक्ष्मी नहीं टिकती हैं। इसलिए मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की मूर्ति अवश्य रखें। भगवान गणेश को माता लक्ष्मी का मानस पुत्र कहा जाता है।

भूलकर भी ना करें ये गलती

कई लोग जाने अनजाने में मां लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान गणेश की मूर्ती के बाईं ओर रख देते हैं। इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। क्योंकि पुरुष के बाईं ओर पत्नी बठती है। जबकि मां लक्ष्मी विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मां हैं। इसलिए हमेशा मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा गणेश जी के दाईं ओर रखें। इससे मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा हमेशा आप पर बनी रहती है।

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