पचामा में हुआ 56 वे मानस सम्मेलन का समापन
उदयपुरा रायसेन। समीपस्थ ग्राम पचामा में लगातार 56 वर्षों से ग्राम के त्यौहार एवं उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला श्रीरामचरितमानस सम्मेलन के 56 में वार्षिकोत्सव के सप्त दिवसीय आयोजन का समापन हुआ, कार्यक्रम के मुख्य कथा व्यास स्वामी नित्यानंद गिरी महाराज ने कहा कि संसार के बैंक अकाउंट तो सभी ने बहुत खुलवा लिए अब सभी को भगवान के बैंक में भी अकाउंट खुलवाना चाहिए भगवान के बैंक है सत्संग, सेवा ,सिमरन , सत्संग अर्थात संतों का संग,सत् विचारों का संग, सत् ग्रंथों का संग , सेवा अर्थात दीन-हीन दुखियों एवं गौ माता की सेवा, सुमिरन अर्थात निस्वार्थ भाव से भगवान के नाम का स्मरण भगवान के नाम का चिंतन ,
स्वामी जी ने कहां की संसार के बैंकों का बैलेंस बढ़ता घटता रहता है, परंतु भगवान के बैंक अर्थात सत्संग सेवा सुमिरन का बैलेंस कभी नहीं घटता अपितु बढ़ता ही जाता है, साथ ही स्वामी जी ने कहा की इस क्षेत्र में गौ सेवा की बहुत कमी दिखाई देती है सभी को गौ सेवा में अपना सहयोग करना चाहिए क्षेत्र में संचालित सभी गौशालाओं को सहयोग करें अपने अपने घर में एक दानपात्र रखकर उसमें प्रतिदिन कुछ ना कुछ गौ माताओं के लिए दान एकत्रित करें । यह भगवान की सबसे बड़ी सेवा है । घर में छोटे बच्चों से दानपात्र में दान डलवाए जिससे बच्चे भी संस्कारवान होंगे । कार्यक्रम में ब्रह्मचारी जी महाराज मांगरोल के आशीर्वचन सुनने को प्राप्त हुए ।कार्यक्रम के मंच संचालक सुरेंद्र शास्त्री ने कहा की सभी के सहयोग से लगातार 56 वर्षों से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम में सप्ताह भर स्वामी जी के दिव्य सत्संग एवं उपस्थित अन्य सभी मानस प्रवक्ताओं के द्वारा रामचरितमानस के माध्यम से राम कथा के सुंदर प्रसंग सभी को सुनने को प्राप्त हुए हैं सभी भगवान के प्रसंगों को जीवन में उतारने का प्रयास करें । कार्यक्रम में मुख्य श्रोताओं में पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र पटेल जनपद पंचायत उपाध्यक्ष राम जी पटेल , नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह, धर्मेंद्र राजपूत, केशव पटेल, डॉ देवेंद्र धाकड़, हरिशंकर सिंह रघुवंशी, अशोक तिवारी, सुरेंद्र चौहान, , राकेश खेड़िया, संतोष पवैया, श्री राम रघुवंशी,मनोज चक्रधर ,कुलदीप बिश्नोई सहित क्षेत्र के सैकड़ों श्रोताओं ने कथा श्रवण की ,सम्मेलन समिति द्वारा उपस्थित सभी संत महात्मा विद्वान जनो का स्वागत सम्मान किया गया । कार्यक्रम के संयोजक चतुरनारायण रघुवंशी द्वारा स्वामी जी एवं सभी मानस के विद्वान जनों एवं क्षेत्र के श्रोताओं का आभार व्यक्त किया ।