Let’s travel together.
Ad

उज्ज्वला योजना पर महंगाई की मार, घरों में धुएं वाले चूल्हे ने फिर की एंट्री

0 115

सांची जनपद क्षेत्र की गरीब महिलाएं चूल्हे पर खाने बनाने को मजबूर

सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट

पीएम मोदी ने छह साल पहले उज्जवला योजना की शुरुआत की थी। तब पीएम मोदी ने इस योजना को एक ऐसी योजना बताया था जिससे गरीब महिलाओं को लकड़ी-उपले के धुएं में खाना बनाने से आजादी मिलने वाली बताया था। लेकिन इसके छह साल गुजर जाने के बाद ये योजना दम तोड़ रही है। बढ़ते एलपीजी के दाम ने महिलाओं को एक बार फिर से धुएं वाले चूल्हे पर खाना बनाने पर मजबूर कर दिया है। पूरे प्रदेश सहित रायसेन जिले व सांची जनपद क्षेत्र के सलामतपुर, सांची, रातातलाई, बेरखेड़ी चौराहा, कुल्हाड़ियां, अम्बाड़ी, तिजालपुर, रतनपुर गिरधारी के ग्रामीण रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी से गरीब तबका उज्जवला योजना का लाभ नहीं उठा पा रहा हैं। पिछले छह महीनों में तीन बार में रसोई गैस सिलेंडर के दामों में लगभग दो सौ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।इससे परेशान होकर उज्ज्वला योजना के लाभार्थी फिर से लकड़ी व उपले से चूल्हा फूंकने पर मजबूर हो गए हैं। वर्तमान में रायसेन जिले में गैस सिलेंडर के दाम 1100 रुपए के करीब पहुंच गए हैं। रसोई गैस की जगह गरीब तबके को पुन: चूल्हे पर खाना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। क्योंकि बढ़ती महंगाई के चलते सिलेंडर रिफिलिंग के लिए एक हजार रुपए खर्च करना भी मुश्किल हो रहा है।

लकड़ी के जरिए चूल्हों पर घर-घर बनने लगा है खाना

दिनों दिन गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के कारण गरीब परिवार की महिलाओं ने उज्ज्वला में मिले गैस सिलेंडर के हाथ जोड़ लिए हैं। इसकी जगह थोड़ी सी मेहनत पर जंगलों से मुफ्त मिलने वाली लकड़ी के जरिए चूल्हों पर घर-घर खाना बनने लगा है। सांची जनपद क्षेत्र के ग्राम मुश्काबाद में अपने घर पर चूल्हे पर लकड़ी में खाना बना रहीं शारदा बाई ने बताया कि उज्जवला योजना में गैस कनेक्शन मुफ्त मिला था। तब लगा कि अब धुएं से छुटकारा मिल गया। छह माह में करीब दो सौ रुपए बढ़ गए। ग्यारह सौ रुपया सिलेंडर पर खर्च नहीं कर सकते। चूल्हे पर लकड़ी में खाना बनाना बिल्कुल मुफ्त है। ग्राम की सावित्री बाई, रेहाना बी, सविता बाई सहित अन्य महिलाओं का कहना है कि उन्होंने सिलेंडर को घर के एक कोने में रख दिया है। गैस सिलेंडर के दाम लगभग ग्यारह सो रुपए तक पहुंच गए हैं। ऐसे में सिलेंडर भरवाना हमारे बस से बाहर है। चूल्हे में लकड़ी जलाकर भोजन बना रही हैं।

इनका कहना है।
उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुझे गैस सिलेंडर मिला तो है। जो शो पीस बनकर घर में रखा हुआ है। क्योंकि गैस की टंकी 1100 रुपए में भरा रही है। हमें इतनी मजदूरी नही मिलती की सिलेंडर भरवा सकें। जंगल से बीनकर लकड़ी लाकर चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि गैस सिलेंडर की कीमत कम करें ताकि गरीब मजदूर आसानी से सिलेंडर भरवा सकें।
कुलसुम बी, उज्जवला योजना लाभार्थी

Leave A Reply

Your email address will not be published.

महाराष्ट्र: असल मुकाबला दो सियासी चाणक्यों पवार व शाह के बीच-अजय बोकिल     |     बुदनी उपचुनाव:  कृषि शिवराज चौहान ने परिवार सहित डाला वोट     |     TODAY :: राशिफल बुधवार 13 नवम्बर 2024     |     गांधी मेडिकल कॉलेज में महर्षि चरक शपथ एवं व्हाइट कोट समारोह का आयोजन     |     देवउठनी ग्यारस के दिन बाजार में गन्ने सिंघाड़े की सबसे ज्यादा मांग     |     अधिकारियों की उदासीनता से  सहकारी संस्था की बिल्डिंग हुई क्षतिग्रस्त कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा     |     फैक्ट्री चौराहा दीवानगंज पर खाटू श्याम भगवान का मनाया गया जन्मदिन     |     आबकारी विभाग की जप्त कार में फिर लगी आग,नागरिकों ने बुझाई आग     |     जनसुनवाई में कलेक्टर श्री अरविन्द दुबे ने नागरिकों की समस्याओं का किया निराकरण     |     दिव्यांग बच्चों की कला को मंच प्रदान करने “नई दिशा” का वार्षिक कार्यक्रम – अभिव्यक्ति 16 नवंबर को     |    

Don`t copy text!
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9425036811