रायसेन। जैन अनुयायियों के दस लक्षण पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाए जा रहे हैं।प्रातः काल से ही श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर एवं श्री 1008 शांतिनाथ जिनालय में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है आज पर्व का दूसरा दिवस मा र्दव धर्म हे।
समाज के सुधीर जैन ने बताया कि अहंकार घमंड मद या अभिमान को दूर करने के बाद ही इस धर्म का सही मतलब निकलेगा।आज इंद्र और इंद्राणी में गजब का उत्साह था भगवान की भक्ति में लीन होकर जमकर नृत्य किया गया।
आज चार इंद्र बने मनोज जैन, मुकेश जैन, राकेश जैन, आशीष जैन,
शांति धारा की पहली बोली ली आशीष मनोज जैन ने एवं दूसरी बोली विकास वीरेंद्र जैन ने प्राप्त की भगवान को पंडुक शिला पर ले जाने का सौभाग्य आशीष जैन को एवं बेदी पर विराजमान करने का सौभाग्य विकास जैन को प्राप्त हुआ