सरकार सहारा के प्रति नरम है कोई ठोस कार्यवाही नहीं की
-पोर्टल पर 38करोड़ का खर्चा
-अधिसूचना अभी तक जारी नही,
-भारत सरकार शीघ्र अधिसूचना जारी करे – एडवोकेट श्री मिश्रा
शिवपुरी । सुप्रीम कोर्ट ने 29मार्च 23 को आदेश दिया था कि, 9 माह के भीतर भुगतान किया जावे , इस आदेश को एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है /सरकार के निवेदन पर 31 दिसंबर 2024 तक का समय बड़ा दिया है, सरकार ने भुगतान के लिए सहारा रिफंड पोर्टल 18 जुलाई 2023 को बनाया था / पोर्टल पूरी तरह से फैल हो रहा है , अभी तक केवल एक प्रतिशत को ही अपना भुगतान मिला है , निन्यानबे प्रतिशत आवेदकों का पोर्टल से भुगतान अटका हुआ है उसके लिए सहारा प्रबंधन जिम्मेदार है, वो जमाकर्ता को अपने द्वारा दिए दस्तावेज को प्रमाणित नहीं कर रहे है ,क्या सहारा द्वारा दिए दस्तावेज फर्जी (जाली) है, सरकार अपने नरम रवैए के कारण सहारा प्रबंधन पर ठोस व प्रभावी कार्यवाही नहीं कर रही है, ओर अपनी बदनामी करा रही है /
एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा ने उक्त आरोप लगाते हुए बताया है कि, भारत सरकार के गृह व सहकारिता विभाग मंत्रालय द्वारा सहारा इंडिया में पीड़ित गरीब निवेशकों की जमा राशि दिलाने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल 18 जुलाई 23 को बनाया है/ वह केवल सहारा की चार कॉपरेटिव सोसायटी के लिए ही बनाया है / शुरुआत में केवल रुपए 10,000/- (दस हजार रुपए)तक का भुगतान किया जा रहा है, जमाकर्ता को मूलधन ही लौटाया जा रहा है, वो भी किसे मिला है, पता नहीं चल पा रहा है/ श्री मिश्रा के अनुसार पोर्टल पर 38 करोड़ रुपए खर्च हो चुके माह जून 2024 तक केवल 341 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है, 3,91,767 लाख लोग पोर्टल पर आवेदक है ,उनके द्वारा 1,24 करोड़ आवेदन किए गए हैं पोर्टल पर 85,806 करोड़ रुपए का क्लेम भुगतान हेतु आया है , जबकि केवल 30 प्रतिशत लोगों ने ही क्लेम किया है,/
पोर्टल द्वारा 99 प्रतिशत जमाकर्ता के आवेदनों में कमी निकाल कर अस्वीकृत कर दिया है, कमी पूर्ति करने के बाद रिक्लेम करने को कहा है, जमाकर्ता 300 से लेकर 500 रूपए या इससे भी अधिक पोर्टल से आवेदन करने के पहले ही खर्च कर चुके है,/
सहारा के ऐजेंट जमाकर्ता से नए फार्म भरवाने के नाम पर राशि ले रहे है, जबकि एजेंट अपना कमीशन पहले ही ले चुके हैं ,जब राशि कंपनी में जमा कराई थी,जमाकर्ता के पुराने फार्म नहीं मिल रहे, या निवेशको(जमाकर्ता)के दस्तावेजों से मिलान नहीं कर रही है, यह जमाकर्ता की ग़लती नही है, सहारा व उसके प्रबंधन और एजेंट की ग़लती है, /जमाकर्ता से नया फार्म भरवाने के नाम पर राशि लेना गलत व अन्याय है,/रिक्लेम करने पर जमाकर्ता को फिर से खर्चा करना पड़ेगा,/मिलेगी 10000/-(दस हजार रुपए) तक ही राशि, वह भी मूल धन ही /
सहारा की विभिन्न स्कीमों में राशि जमाकर्ता ने जमा की है, लेकिन अभी सहारा की चार सोसायटी (1)सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (2)हमारा इंडिया क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (3) सहारयन युनिवर्सल मल्टी परपज सोसायटी लिमिटेड (4) स्टार मल्टी परपज कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड /का ही सहारा रिफंड पोर्टल से भुगतान किया जा रहा है,रिफंड पोर्टल पर केवल सहारा की ये ही चार सोसायटी का नाम है / सहारा की अन्य दूसरी स्कीमों में निवेशकों की जो राशि जमा है उसका भुगतान कैसे होगा, इसका कोई अता पता नहीं है /
एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा ने बताया है कि पोर्टल को लॉन्च किए एक साल बीतने के बाद भी भारत सरकार के गृह व सहकारिता विभाग मंत्रालय ओर सी आर सी एस द्वारा सहारा की चारो सोसायटी में जमा राशि के पोर्टल से भुगतान कराने की कोई विधिवत अधिसूचना (नोटिफिकेशन)अभी तक जारी नहीं की है / यह आश्चर्य की बात है,/
नियमानुसार विधिवत अधिसूचना(नोटिफिकेशन) जारी होना आवश्यक था, जिससे जमाकर्ता को पता चले कि पोर्टल से राशि लेने के नियम व शर्तें क्या है जमाकर्ता को जमा राशि पर व्याज मिलेगा या नहीं , अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी नहीं होने से जमाकर्ता को अभी तक इसकी नियम व शर्तो का पता नहीं है,/चारो सोसायटी का जमाकर्ता आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान है,/
निन्यानबे प्रतिशत आवेदकों का पोर्टल से भुगतान नहीं हुआ है, उसके लिए सहारा प्रबंधन जिम्मेदार है, सरकार ने अभी तक उसके खिलाफ कोई ठोस व प्रभावी कार्यवाही नहीं की है, ओर अपनी भुगतान नहीं करने की बदनामी करा रही है /
एडवोकेट श्री मिश्रा ने भारत सरकार सहकारिता विभाग ओर सी आर सी एस देहली से मांग की है कि सहारा रिफंड पोर्टल से भुगतान के संबंध में विधिवत अधिसूचना ( नोटिफिकेशन) शीघ्र जारी करे,/ ओर जमाकर्ता की जानकारी नहीं देने, व विलंब करने के लिए सहारा प्रबंधन को दंडित कराने की ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही करे /