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9 साल से न्याय के लिए भटक रहा सरकारी शिक्षक

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आबकारी विभाग के रुतबे के कारण आज तक नही हुई टीचर की एफआईआर..

रामभरोस विश्वकर्मा, मंडीदीप रायसे

-अज़ब एमपी में आबकारी विभाग के गज़ब कारनामे हर दिन सामने आ रहे हैं। ताजा मामला मप्र के रायसेन जिले के हैं जहां एक सरकारी शिक्षक 9 साल से उसके साथ आबकारी इंस्पेक्टर द्वारा की गई बदसलूकी के खिलाफ न्याय के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। जी हां सरकार आदिवासियों के हित के लिए तमाम कानून बनाकर उनके साथ खड़े होने का लाख दावा कर ले लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कुछ और है। यह मामला सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है लेकिन सच है.. दअरसल रायसेन जिले के गौहरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम बिनेका में शराब ठेकेदार के इशारे पर तत्कालीन आबकारी इंस्पेक्टर विवेक त्रिपाठी ने बिना विभाग की परमीशन लिए अपने कार्यक्षेत्र से अलग जाकर शिक्षक के घर छापा मारा और बीमार हालात में घर पर अपने बच्चों के सामने रह रहे आदिवासी शिक्षक पप्पू बरखडे के साथ गाली गलौच कर जमकर मारपीट की ओर उसे आबकारी के दफ्तर उठा लेगए। जहां उसके साथ फिर ओर मारपीट की गई।

तभी से गोंड आदिवासी शिक्षक अपने सम्मान के लिए सभी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। उक्त घटना की शिकायत उसने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर भी कर सीएम मोहन यादव से न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन शराब माफिया की गोद मे बैठकर उनके इशारे पर निर्दोष लोगों पर भी अपने पॉवर का इस्तेमाल करने से पीछे नही हटते ओर तो ओर आबकारी इंस्पेक्टर विवेक त्रिपाठी जो वर्तमान में धार जिले में पदस्थ है। अब भी अपने रसूख के कारण रुपयों के दम पर शिक्षक की शिकायत को दबबा देते हैं। जिस कारण 9 साल बाद आज तक थाने कलेक्टर एसपी तक शिकायत करने के बाद भी उसकी रिपोर्ट पुलिस द्वारा नही लिखी जा रही हैं। ओर पीड़ित शिक्षक के परिवार पर लगातार दबाव बना कर धमका कर उसे प्रताड़ित किया जा रहा है।

आदिवासी शिक्षक के घर पर बिना सर्च वारंट आबकारी इंस्पेक्टर  ने ली तलाशी..शराब नही मिलने पर बीमार शिक्षक से की थी जमकर मारपीट..

गौहरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम बिनेका में सरकारी शिक्षक पप्पू सिंह बरकरे जाति गौड आदिवासी वर्तमान में शा.प्रा.शाला कामतौन कांसिया में सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ है। उनके साथ 9 साल पहले आबकारी इंस्पेक्टर विवेक त्रिपाठी की हैवानियत को याद कर आज भी उनका परिवार सहम जाता हैं। उन्होंने सभी जगह कई आवेदन देकर उक्त घटना के बाद न्याय की गुहार लगाई हैं। आवेदन में शिक्षक ने बताया कि 5 जुलाई 2015 को ग्राम विनेका में वह प्रेमनारायण नन्दवंशी के के मकान में किराये पर रहता हूँ मेरी कुछ महीनों से तबियत खराब होने के कारण अपने कमरे में सो रहा था। तभी आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर विवेक त्रिपाठी द्वारा अचानक छापामारी की गई । उसमें मुझे दूसरे कमरे से बुलाकर पूछताछ करने लगे जबाव में मैनें उनसे कहा कि साहब मेरी तवियत खराब होने की बजह से यहाँ नहीं रहता हूं आज ही भोपाल से इलाज कराकर आया हूँ इतने में विवेक त्रिपाठी ने मुझे माँ बहन गंदी गंदी गालियों देने लगे और मारपीट कर घसीटते हुये जबरजस्ती कर अपनी गाड़ी में बैठाकर ओबेदुल्लागंज से गये और मैंनें कपड़े भी नहीं पहने थे मैनें काफी निवेदन कपड़े पहने का किया किन्तु नहीं पहनने दिये। उसी हालत में मुझे ओबैदुल्लागंज लाये जिसकी फोटो तब आवेदन संलग्न है। यहां ले जाकर त्रिपाठी ने मुझे जेल में डालने की धमकी देते हुये जबरजस्ती गवाही हस्ताक्षर करवाये। श्रीमान जी तभी से मेरा शारीरिक व मानसिक सन्तुलन खराब होता जा रहा है। मेरे बच्चे और समाज के लोग मुझे अपराधी दृष्टि से देखते हैं। जिसके बाद समाज एव स्कूल मे भी मेरी प्रतिष्ठा खराब हो गई हैं। तब से अब उक्त संबंध में सीएम हेल्प लाइन से लेकर जगह जगह सरकारी दफ्तरों में आवेदन देकर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही करते हुये मेरे साथ किये गये अन्याय के विरूद्ध कार्यवाही की मांग मेरे द्वारा की जाती रही हैं । लेकिन मुझे आज तक न्याय नही दिलाया जा सका । प्रार्थी आदिवासी शिक्षक पप्पू सिंह बरकरे पुत्र श्री शेरसिंह आदिवासी गाँड निवासी पिपलिया गोली हाल मुकाम ग्राम अमोदा तहसील गौहरगंज जिला रायसेन के द्वारा दिया गया हैं।

राज्य अध्यापक संघ ने की थी घटना की निंदा..आदिवासी शिक्षक को न्याय दिलाने कलेक्टर से लेकर सीएम तक को दिया था ज्ञापन

राज्याध्यापक संघ द्वारा उक्त घटना के विरोध में 13 जुलाई 2015 को रायसेन कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था जिसमें आदिवासी शिक्षण के साथ हुए अपराधिक कृत्य के मामले में आरोपी आबकारी इंस्पेक्टर विवेक त्रिपाठी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग थी । लेकिन आबकारी विभाग के रुतबे के आगे 9 साल से मामला जांच में ही अटका पडा हैं। हालाकि की घटना के समय तमाम अखबारों में यह ख़बर सुर्खियो में भी रही। लेकिन विवेक त्रिपाठी ओर शराब ठेकेदार के आगे सब बोने नज़र आते दिखे। अब मप्र के नए मुखिया सीएम डॉ मोहन यादव से एक बार फिर न्याय की गुहार लगाई हैं। और मामला गौहरगंज थाने एव सीएम हेल्पलाइन 181 पर अटका हुआ है।

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