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क्या सांसद वीरेंद्र खटीक को टक्कर दे पाएंगे कांग्रेस के पंकज अहिरवार? बीजेपी का गढ़ है टीकमगढ़, जानें क्या कहते है राजनीतिक समीकरण

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 टीकमगढ़। देश में लोकसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। सभी पार्टियां जोरशोर से चुनावी प्रचार प्रसार में जुटी है। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने अपने सभी 29 सीटों पर उम्मीदवारों को उतार दिया है। टीकमगढ़ से बीजेपी ने जहां मौजूदा सांसद वीरेंद्र खटीक को फिर से टिकट दिया है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को प्रत्याशी बनाया है। टीकमगढ़ लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए पंकज अहिरवार ने अपने प्रचार अभियान का शुभारंभ कर दिया। सबसे पहले उन्होंने शिव धाम कुंडेश्वर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर पूजा अर्चना की। इसके बाद आसपास के ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया।

इस दौरान कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी पंकज अहिरवार का कहना है कि इस बार का चुनाव स्थानीय बनाम बाहरी प्रत्याशी के मुद्दे पर होगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर वीरेंद्र कुमार लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन उन्होंने मजदूर वर्ग के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। अगर इस बार जनता ने मुझे मौका दिया तो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।

बता दें कि 42 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी पंकज अहिरवार का मुकाबला 70 वर्षीय भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर वीरेंद्र कुमार खटीक से है। वीरेंद्र कुमार सात बार सांसद और दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। जबकि पंकज अहिरवार अब तक कोई बड़ा चुनाव नहीं लड़े। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी पंकज अहिरवार को मैदान में कड़ी मेहनत करना होगी। हालांकि टीकमगढ़ लोकसभा में अहिरवार वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा करीब 5 लाख के आसपास है। बावजूद इसके पिछले तीन लोकसभा चुनाव से कांग्रेस की अहिरवार प्रत्याशी चुनाव हारते चले आ रहे हैं। ऐसे में इस बार कांग्रेस के युवा प्रत्याशी और भाजपा के तजुर्बेकर प्रत्याशी के बीच मुकाबला रोचक होने के आसार हैं।

टीकमगढ़ का राजनीतिक समीकरण

टीकमगढ़ लोकसभा पर एक नजर टीकमगढ़ लोकसभा का गठन साल 2009 में हुआ था। टीकमगढ़ एससी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। साल 2009 में भाजपा ने वीरेंद्र कुमार खटीक को प्रत्याशी बनाया था, जबकि कांग्रेस ने वृंदावन अहिरवार को मैदान में उतारा था। 2009 में भाजपा के वीरेंद्र खटीक चुनाव जीते। साल 2014 में भाजपा ने लगातार दूसरी बार वीरेंद्र खटीक को टिकट दिया। कांग्रेस में प्रत्याशी बदलकर कमलेश अहिरवार को मैदान में उतारा। 2014 में एक बार फिर भाजपा के वीरेंद्र खटीक चुनाव जीते और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए। साल 2019 में भाजपा ने लगातार तीसरी बार डॉक्टर वीरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा। जबकि कांग्रेस ने फिर प्रत्याशी चेंज कर किरण अहिरवार को टिकट दिया।

2019 में भाजपा के वीरेंद्र कुमार को 6,72,248 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी किरण अहिरवार को 3,24,189 वोट मिले थे। भाजपा के वीरेंद्र कुमार 3,48,059 वोटो से चुनाव जीते थे। इस बार भाजपा ने लगातार चौथी बार 70 वर्षीय डॉक्टर वीरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर प्रत्याशी बदलकर 42 वर्षीय पंकज अहिरवार को टिकट दिया है।

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