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रायसेन की रामलीला:: सीता स्वयंवर की मनमोहक प्रस्तुति, श्री राम ने तोड़ा यज्ञ

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-मैदान में गूंज उठे जय श्री राम के जयकारे

-धनुष भंग की खबर सुनते ही परशुराम गुस्सा में आए राजा जनक को सुनाई खरी खोटी

सी एल गौर  रायसेन

श्री रामलीला महोत्सव के चलते गुरुवार को रामलीला मैदान में स्थानीय कलाकारों द्वारा सीता स्वयंवर एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद की आकर्षक लीला का मंचन किया, इस दौरान लीला को देखने के लिए मैदान के हर तरफ दर्शकों की भीड़ लगी रही।

प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार जनकपुर के राजा जनक जी महाराज अपनी बेटी सीता के विवाह के लिए सीता स्वयंवर का विशाल आयोजन रखते हैं। जिसमें देश विदेश से बड़े-बड़े राजा महाराजा लंका पति रावण जैसे योद्धा धनुष तोड़ने के लिए आते हैं परंतु वह अपना बल आजमाते हुए धनुष तोड़ना तो दूर धनुष को हिला भी नहीं पाते हैं। जब राजा महाराजा सभा के दौरान धनुष को नहीं तोड़ पाए तो यह दृश्य देखकर राजा जनक जी दुखित होते हैं और मन ही मन विचार करते हैं कि अब मेरी बेटी सीता का विवाह कौन से होगा धनुष तो किसी से उठ नहीं रहा है इस प्रकार से राजा जनक चिंता में पड़ जाते हैं और कहते हैं कि मुझे लगता है कि पृथ्वी वीरों से खाली है अब कोई पृथ्वी पर वीर नहीं है। इस प्रकार के वचन जब लक्ष्मण जी ने सुने तो वह गुस्सा होते हुए मंच से उठते हैं और भरी सभा में कहते हैं कि हे जनक जी महाराज आपने कैसे कह दिया कि पृथ्वी वीरों से खाली है अगर भैया राम की आज्ञा हो जाए तो मैं भी धनुष को तोड़ सकता हूं। इस प्रकार से लक्ष्मण जी गुस्से में आ जाते हैं इतने में ही मंच पर विराजमान भगवान राम उठते हैं और लक्ष्मण जी को समझाते हैं इस प्रकार से गुरु से आज्ञा लेकर मन ही मन भगवान राम उठते हैं और धनुष को अपने हाथों में उठाते हुए क्षण भर में तोड़ देते हैं। धनुष के टूटते ही रामलीला मैदान में जय जय श्री राम के जयकारे गूंज उठते हैं, माता सीता भगवान राम के गले में माला पहना देती हैं।

उधर जैसे ही धनुष टूटने की खबर परशुराम को मिलती है तो वह गुस्से में वहां पहुंचते हैं और कहते हैं कि यह धनुष किसने तोड़ा है उसको मैं नहीं छोडूंगा इस प्रकार से परशुराम गुस्सा होते हैं इस समय परशुराम और लक्ष्मण जी के बीच तीखा संवाद होता है परंतु भगवान राम की समझाएं इस पर लक्ष्मण जी मान जाते हैं अंत में परशुराम भी भगवान राम के सामने मानने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस दौरान रामलीला में इस दौरान रामलीला में राजा जनक की भूमिका पंडित बद्री प्रसाद पाराशर, राम की भूमिका रुद्राक्ष शर्मा, लक्ष्मण की भूमिका कृष्णा शुक्ला और लंका पति रावण की भूमिका दौलत भाई ने बहुत ही आकर्षक ढंग से निभाई जिसकी दर्शकों द्वारा सराहना की गई।

शुक्रवार को शहर में निकलेगी भगवान राम की विशाल बारात स्वागत की अपील

श्री रामलीला महोत्सव के दौरान शुक्रवार को दोपहर 2:00 बजे के बाद से शहर में भगवान श्री राम की विशाल बारात नगर के चोपड़ा मोहल्ला स्थित मंदिर के सामने से निकाली जाएगी, जो की पुरानी बस्ती का भ्रमण करते हुए भोपाल मार्ग होकर रामलीला गेट से सीधे देर शाम तक रामलीला मैदान पहुंचेगी रामलीला मेला समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी, रामलीला संचालक पंडित राजेंद्र शुक्ला, मेला समिति के मीडिया प्रभारी सी एल गौर सहित समस्त समिति के पदाधिकारीयो ने सभी नगर वासियों से श्री राम बारात में शामिल होकर धर्म का लाभ उठाते हुए आयोजन को सफल बनाने की अपील की है।

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