संत रविदास जी के कर्म प्रधानता और समरसता के सिद्धांत को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए- विधायक श्री पटवा
संत रविदास जी के समरसता के संदेश ने सम्पूर्ण भारत को सदभाव और एकता के सूत्र में बांधे रखा- विधायक श्री पटवा
समरसता यात्रा ने बरखेड़ा से किया जिले में प्रवेश, यात्रा का हुआ भव्य और आत्मीय स्वागत
नागरिकों ने की पुष्प वर्षा, पादुकाओं के दर्शन कर की पूजा-अर्चना
रायसेन। समरसता यात्रा के रायसेन जिले में औबेदुल्लागंज विकासखण्ड के ग्राम बरखेड़ा पहुंचने पर भोजपुर विधायक श्री सुरेन्द्र पटवा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा चरण पादुका की पूजा-अर्चना कर आत्मीय और भव्य स्वागत किया गया। संत शिरोमणि श्री रविदास जी के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से समरसता यात्राएं निकाली जा रही हैं।
यात्रा के पहले पड़ाव में ग्राम बरखेड़ा तथा औबेदुल्लागंज में जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। विधायक श्री पटवा चरण पादुका को सिर पर रखकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तथा यहां संत शिरोमणि रविदास जी के चित्र तथा चरण पादुका का पूजन किया गया। विधायक श्री पटवा ने जन संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत रविदास जी के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों से समरसता यात्राएं निकाली जा रही हैं। यह यात्राएं 12 अगस्त को सागर जिले में पहुचेंगी।
उन्होंने कहा कि 12 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सागर में 100 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से बनने वाले संत शिरोमणि गुरुदेव श्री रविदास जी के भव्य मंदिर के निर्माण की आधार शिला रखेंगे। यह मंदिर पूरे प्रदेश के नागरिकों और समाजों को एक सूत्र में पिरोने के लिए अनोखी मिशाल पेश करेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समरसता यात्रा के माध्यम से समाज को एक सूत्र में जोड़ने का काम किया है। यात्रा के दौरान गॉवों से मिट्टी और जल एकत्रित किया जा रहा है, जिसका उपयोग मंदिर निर्माण में होगा। हम सभी अपने गांव की मिट्टी और जल लेकर इस गौरवशाली क्षणों के साक्षी बनने, सहभागी होने का प्रयास करें।
विधायक श्री पटवा ने कहा कि हमारी आज और आने वाली पीढ़ी संत रविदास जी के आदर्शो पर चले। संत रविदास जी ने कहा था कि समरता में ही जीवन है। जीवन जीने के साथ-साथ समरसता होगी तो निश्चित रूप से हम सभी आपस में प्रेम से, बिना भेदभाव के, बिना किसी भी राग-द्वेष के आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी जैसे संतों का अवतरण हमारे देश में हुआ। जिनके समरसता के संदेश ने सम्पूर्ण भारत को सदभाव और एकता के सूत्र में बांधे रखा। संत रविदास जी के कर्म प्रधानता और समरसता के सिद्धांत को हमें अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
औबेदुल्लागंज नगर में संत रविदास के जयकारों के साथ समरसता यात्रा ने भ्रमण किया। नगर भ्रमण के दौरान अनेक सामाजिक मंचों, व्यापारिक मंचों, समुदायों द्वारा पुष्प वर्षा की गई तथा चरण पादुका की पूजा अर्चना की गई। यात्रा के दौरान नागरिकों द्वारा चरण पादुका और समरसता यात्रा में चल रहे संतों, सदस्यों पर लगातार पुष्प वर्षा की। साथ ही चरण पादुका की पूजा-अर्चना की और संत रविदास जी के जयकारे लगाए। समरसता यात्रा में संत, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री दुष्यंत कुमार गौतम, श्री संतोष शास्त्री, श्री संतोष शर्मा, श्री नारायण दास गुरूजी, नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी चौकसे, श्रीमती प्रियंका अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू पवन भदौरिया एवं अन्य अधिकारी, गणमान्य नागरिक भी शामिल थे।
मिट्टी और जल अर्पित किया
सागर में 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले संत रविदास के मंदिर के निर्माण के लिए रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज विकासखण्ड के ग्राम बरखेड़ा, बिनेका बोरदा, उमरिया, नानाखेड़ी, सिमराई, इटाया सहित अन्य गॉवों, नगरों से लाई गई मिट्टी और जल समरसता यात्रा को अर्पित की गई। इस जल और मिट्टी का मंदिर निर्माण में उपयोग किया जाएगा।
लोक गायकों ने दी प्रस्तुति
जनसंवाद कार्यक्रम आयोजन के दौरान लोक गायकों के दल ने भजनों के माध्यम से संत रविदास जी की स्तुति करते हुए उनका गुणगान किया। कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति से कार्यक्रम स्थल का वातावरण भक्तिमय हो गया और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने संत रविदास जी के जयकारे लगाए।
12 अगस्त को रखी जाएगी संत रविदास मंदिर की आधारशिला
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी संत रविदास जी महाराज के भव्य मंदिर का शिलान्यास व भूमिपूजन 12 अगस्त को करेंगे। इस मंदिर के निर्माण में प्रदेश के सभी जिलों से एकत्रित होने वाली मिट्टी से भूमिपूजन में नींव रखी जायेगी। इसमें रायसेन जिले की मिट्टी व जल का भी योगदान रहेगा। यह मंदिर 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।
पीआरओ/स0क्र0 45/08-2023