-सरकारी खरीदी का किसान कर रहे इंतजार
शिवलाल यादव
रायसेन।रायसेन सहित जिलेभर में इस बार जिले की सभी तहसीलों में किसानों ने मूंग की फसल अधिक से अधिक रकबे में लगाई है, अधिक पैदावार होने की संभावना है। जिले में अब तक मूंग की फसल का रकबा लगभग सवा लाख हैक्टेयर हो गया है। वहीं जिन किसानों ने पहले ही फसल की बोवनी कर दी थी उनकी फसलें कटना शुरू हो गई है।
1 लाख 24 हजार हैक्टेयर रकबे में मूंगी की फसल…
जिन किसानों ने गेहूं, चना के बाद बोवनी की थी उनकी फसलें पकने में करीब एक पखवाड़े का समय लग सकता है। शासन की ओर से घोषित समर्थन मूल्य की खरीदी यदि जल्दी शुरू नहीं हुई तो किसानों को मंडियों पर ही निर्भर रहने की नौबत बन सकती है। बीते वर्ष जिले में मूंग का कुल रकबा करीब 84 हजार हैक्टेयर था।
इस बार कृषि विभाग के पोर्टल में रकबे की मात्रा करीब 1 लाख 24 हजार हैक्टेयर प्रदर्शित हो रही है। जिससे इस बार समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी बढ़ने की संभावना है। रायसेन, सिलवानी गैरतगंज गौहरगंज बाड़ी बरेली आदि बतहसील क्षेत्र में पहले बोई गई फसल की कटाई के लिए खेतों में जोर शोर से कार्य चल रहा है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी पर संशय..
प्राप्त जानकारी अनुसार, जिले में पिछले वर्ष डेढ़ लाख क्विंटल से अधिक मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी। जिससे इस बार खरीदी का आंकड़ा दोगुना हो सकता है। यदि खरीदी का कार्य समय पर शुरू हो जाए और बिना किसी व्यवधान के चलता रहे। शासन द्वारा बीते वर्ष मूंग का समर्थन मूल्य 7196 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। जो इस बार बढ़कर 7275 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि खरीदी का कार्य कब तक शुरू होगा।
पंजीयन अभी तक शुरू नहीं….
अब तक मूंग खरीदी कार्य के लिए पंजीयन प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है। किसानों दुर्जन सिंह ठाकुर सोनू मीणा, अनीस खान मोहम्मद मतीन खान उमरिया देवकिशन शर्मा आदिका कहना है कि शासन की खरीदी जितनी देर से शुरू होगी किसानों को उतना अधिक नुकसान होगा। क्योंकि किसानों को कृषि देनदारी सहित अन्य कार्यो का खर्च निकालने के लिए मजबूरी में मंडियों में जाकर अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचना पड़ती है।