खामखेड़ा जमाल्दी में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’
विदिशा से अदनान खान की रिपोर्ट।
ग्राम खामखेड़ा (जमालदी) में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर पूरा पंडाल जय कन्हैया लाल की जय से गूंजायमान हो उठा और श्रद्धालु कृष्ण भक्ति में रमे नजर आए। कथावाचक गौवत्स पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया (बटुकजी) ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए धर्म,अर्थ,काम व मोक्ष की महता पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि 84 लाख योनियां भुगतने के पश्चात मानव देह की प्राप्ति होती है । इसलिए इस देह को उपयोग व्यर्थ कामों मे ना करके जनकल्याण व ईश्वर भक्ति में समर्पित कर दो, बटुकजी ने कन्हैया के धरा पर प्रगट होने की कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धरती पर जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है, तभी भगवाने या त तारने के लिए आते हैं या मारने के लिए अवतरित होते हैं।बटुकजी महाराज ने कहा कि जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और जैसे ही भगवान के जन्म की कथा का वर्णन
किया गया। उसी समय पंडाल में श्रीकृष्ण के बालरूप की झांकी ने पंडाल में प्रवेश किया। जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु बड़े ही उत्साहित दिखे, जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी के जयकारे लगने लगे। इस मौके पर गायक कलाकार राजा विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा ने बधाई गीत गाए जिनमें श्रद्धालु झूमते दिखे। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस मौके आयोजित हरिनाम संकीर्तन में श्रद्धालु झूम उठे। महाराजश्री ने कहा कि भागवत कथा एक एैसी कथा है जिसे सुनने ग्रहण करने से मन को शांति मिलती है अपने शरीर में भरी मैल को साफ करने के लिए अगर इसे मन से ग्रहण करें तो यह अमृत के समान है इसमें अपने अंदर का मैं, अहंकार खत्म करना चाहिए, मानव का सबसे बड़ा दुश्मन हमारे अंदर बैठा अहंकार है , उन्होंने कहा कि कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे। प्रति दिन कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में आसपास के श्रद्धाल शामिल हो रहे हैं। कथा आचार्य पंडित शिवा शास्त्री ने बताया कि कथा का पांचवे दिन गुरूवार को भगवान की बाललीलाओं पर कथा होगी, साथ ही इस अवसर पर ठाकुरजी को छप्पन भोग भी लगाया जाएगा।