इंदौर। इंदौर की नाइट लाइफ इतनी दिलचस्प है कि इसे देखकर दूसरे शहर रश्क करते हैं। अब इंदौर अपनी रातों को और अधिक उपयोगी बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। शहर में पहली बार 5 अगस्त को नाइट मैराथन होगी, जिसमें शहरवासी रात में दौड़ लगाएंगे। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। रात में दौड़ना और वह भी बारिश के मौसम में, थोड़ा कठिन होगा। किंतु इंदौरियों का उत्साह चरम पर है। अपने उत्साह को बढ़ाते हुए उन्होंने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
अकादमी आफ इंदौर मैराथनर्स द्वारा 5 अगस्त को पितृ पर्वत पर रैनाथान नाम से मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। इस दौड़ में हिस्सा लेने के लिए इंदौरियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी हैं। इस दौड़ को 21 किलोमीटर और 10.5 किलोमीटर की दूरी की श्रेणी में रखा गया है। साथ ही पेयर रन भी रहेगी, जिसमें दो लोग 10.5 किमी दौड़कर रन पूरी सकेंगे। यह रन रात 9 बजे से शुरू होगी।
सुबह चार बजे उठकर कर रहा हूं नाइट मैराथन की तैयारी
डा. सुभाष मसीह ने कहा कि मैं अपनी पत्नी रुचि मसीह के साथ दौड़ में हिस्सा ले रहा हूं। इसके लिए अभ्यास भी शुरू कर दिया है। प्रतिदिन रात के समय पुलिस ट्रेनिंग कालेज में दौड़ता हूं। चूंकि यह रन हिल पर हो रही है इसलिए सुबह चार बजे उठकर बंगाली ब्रिज पर जाकर दौड़ने का अभ्यास करता हूं। रात में दौड़ना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि दिनभर की थकावट के बाद रन करना काफी मुश्किल हो जाता है, इसलिए रात में दौड़ने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखते हैं। जैसे दौड़ने से दो घंटे पहले थोड़ा खाना खाकर जाते हैं, ताकि दौड़ने में दिक्कत न हो। इसके अलावा खाने में प्रोटीन का ध्यान रख रहे हैं। इस मौसम में आद्रता अधिक होती है, इसलिए मैराथन में हल्की टीशर्ट पहनकर दौड़ने का अभ्यास कर रहा हूं। हालांकि, मैं पहले भी कई मैराथन में हिस्सा ले चुका हैं और इस बार भी पूरी तरह तैयार हूं।
अब तक 126 मैराथन दौड़ चुके हैं श्याम झा
श्याम झा ने बताया कि नाइट मैराथन दौड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में हाइड्रेशन को भी संतुलित रखना पड़ता है। इसके लिए मैंने प्रतिदिन दौड़ने का अभ्यास शुरू कर दिया है। मैं इसके लिए ट्रेनिंग भी ले रहा हूं ताकि स्पीड और अन्य बातों को सही से समझ सकूं। आद्रता भरे इस मौसम में 21 किलोमीटर दौड़ना काफी मुश्किल होता है, इसलिए मैंने अभी से ढाई घंटे में 30 किलोमीटर दौड़ने की तैयारी की है। डाइट का भी ध्यान रख रहा हूं। मुझे दौड़ना बहुत अच्छा लगता है और अब तक 126 मैराथन में हिस्सा ले चुका हूं। साथ ही अल्ट्रा मैराथन में 12 घंटे में 72 किमी दौड़ चुका हूं। इस मैराथन के लिए पूरी तैयारी है।
दौड़ते समय वर्षा हुई मानो भगवान का आशीर्वाद मिल गया
अर्पित जैन ने बताया कि नाइट मैराथन इस मौसम में इसलिए रखी जाती है ताकि मैराथनर्स वर्षा में दौड़ सकें। मैराथनर्स मानते हैं कि दौड़ते वक्त अगर वर्षा हो जाए, तो यह भगवान का आशीर्वाद है क्योंकि दौड़ते वक्त आक्सीजन कम होने लगती है और पसीना अधिक निकलता है। ऐसे में वर्षा होने से शरीर का तापमान नियंत्रत हो जाता है। हालांकि, पहाड़ी पर वर्षा के कारण दौड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में कई अन्य चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। मैं अपने परिवार के साथ इस दौड़ में हिस्सा लूंगा, जिसमें मैं 21 किमी और बच्चे व पत्नी 10.5 किमी दौड़ेंगे। इसके लिए बच्चे भी वर्कआउट कर रहे हैं। हालांकि दौड़ में समय की बाध्यता नहीं रखूंगा और रन को एंजाय करूंगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.