देवेन्द्र तिवारी सांची रायसेन
सांची मुख्य चौराहा जिसे स्तूप चौराहा अथवा शिवमन्दिर चौराहे के रूप में भी जाना जाता है यह चौराहा सबसे अधिक व्यस्ततम चौराहा रहता है किसी समय इस चौराहे पर यातायात पुलिस हुआ करती थी परन्तु अब यह पुलिस विहीन रहता है जिससे इस चौराहे से गुजरने वाले वाहन अंधी रफ्तार से दौड़ते हैं जहां हमेशा दुर्घटना की आशंकाएं बनी रहती है ऐसे में यह चौराहा पुलिस विहीन होकर रह गया है।
जानकारी के अनुसार यह स्थल विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कहलाता है इस स्थल पर सैकड़ों की संख्या में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है दूसरी ओर इस स्थल का प्रमुख स्तूप चौराहे पर किसी समय चौबीस घंटे यातायात पुलिस व्यवस्था रहती थी परन्तु इस व्यस्ततम चौराहे से पुलिस प्रशासन ने यातायात पुलिस हटा ली थी तब से ही यह चौराहा पुलिस विहीन बन कर रह गया । जबकि इस स्थल से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरने से इस स्थल से गुजरने वाले वाहनों की संख्या प्रतिदिन हजारों पर पहुंच गई इसमें छोटे बड़े वाहन कम एवं लंबी दूरी के यहां से गुजर रहे हैं इसी चौराहे से होकर रेलवे स्टेशन बसस्टेंड सहित अनेक सरकारी दफ्तरों सहित शासकीय एवं निजी विद्यालयों तक पहुंचा जाता है दूसरी ओर इसी चौराहे से होकर पर्यटकों को विश्व विख्यात स्मारकों एवं पुरातत्व संग्रहालय सहित अस्पताल एवं निजी एवं सरकारी विद्यालयों सहित अन्य सरकारी दफ्तरों तक पहुंचा जाता है इस स्थल के इस चौराहे के दोनों ओर व्यस्ततम आबादी रहने से लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पार करने कहीं कोई सुरक्षा नहीं दिखाई देती है तब इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोटे बड़े वाहनों की तेज रफ्तार लंबी लंबी कतार लगी रहती है तब इस मार्ग को पार करने लोगों सहित पर्यटकों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है जिससे लोग असुरक्षित महसूस करते हैं तथा सड़क पार करने पर लोगों को अनहोनी का खतरा मंडराता रहता है तेज रफ्तार वाहनों से लोग भयभीत बने रहते हैं इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर न तो निर्माण एजेंसी न ही राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा कही कोई सुरक्षा हेतु संकेत बोर्ड ही लगाये है न ही रफ्तार नियंत्रण हेतु ही कहीं कोई संकेत बोर्ड लगाये गये है तथा न ही कहीं कोई गतिअवरोधक ही बनाए जा सके हैं जिससे पर्यटक एवं रेलवे स्टेशन तक पहुंचने वाले लोगों सहित सेंटजेवियर स्कूल सीएमराइज स्कूल तथा दफ्तरों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी सहित दूसरी ओर निजी विद्यालयों तक पहुंचने नौनिहालों को भी चिंतित होना पड़ता है । इतना ही नहीं इस चौराहे पर शिवमन्दिर स्थित है यहां श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।इस स्थल पर पहले यातायात पुलिस हुआ करती थी जिससे अंधी रफ्तार से दौड़ने वाले वाहनों पर पुलिस का भय बना रहता था परन्तु इस स्थल से पुलिस प्रशासन द्वारा याता यात पुलिस को हटा लिया गया था । हालांकि एक यातायात आरक्षक को तो पुलिस विभाग ने पदस्थ किया गया है परन्तु वह यातायात आरक्षक पुलिस के साथ चैक पाइंटों तक ही सीमित कर दिया गया है जिससे इस स्थल पर लोगों को वाहनों की आवाजाही के चलते सड़क आर-पार करना खतरे से खाली नहीं दिखाई देता । पुलिस प्रशासन को इस मुख्य चौराहे पर तेजतर्रार यातायात आरक्षक तैनात किया जाने की जरूरत महसूस हो रही है इसके साथ ही नगर के ऐतिहासिक उदयगिरि पर्यटक स्थल पर पहुंचने के लिए गुलगांव चौराहा यहां से लगभग पचास गांव के लोगों का आना जाना लगा रहता है अतिव्यस्त चौराहा माना जाता है यहां भी लोगों को भगवान भरोसे सड़क पार करने मजबूर होना पड़ता है यहां भी हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है बाकी जो कसर रह जाती है उसे आवारा पशु बीच सड़कों पर बैठकर तथा सांडों की आपसी लड़ाई पूरा कर देती है तब अनेक बार पशुओं को बचाने छोटे बड़े वाहन अंधी रफ्तार के चलते सड़क पर लगाई गई लोहे की रेलिंग में घुस जाते हैं जिससे जगह जगह रैलिंग भी टूटी दिखाई नजर आ जाती हैं । जबकि इस स्थल पर लगभग थाना प्रभारी सहित तैंतीस छोटे बड़े पुलिस कर्मी तैनात हैं बावजूद इसके व्यस्ततम चौराहे तथा सड़क पुलिस विहीन बनी हुई है जिससे वाहन चालकों में पुलिस का भय न रहने से अंधी रफ्तार से वाहन दौड़ाते दिखाई दे जाते हैं । पुलिस प्रशासन को नगर के व्यस्ततम चौराहों पर यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
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