रायपुर। छत्तीसगढ़ के पहले हरेली तिहार पर मुख्यमंत्री निवास सहित प्रदेशभर में भव्य आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गेड़ी चढ़े और भौंरा नचाया। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद पहली हरेली मना रहे अरुण साव भी प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में गेड़ी चढ़े और पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री निवास में मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता और छत्तीसगढ़ की संस्कृति के बीच कोई नहीं आ सकता। छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संवर्धन के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जो लोग कभी छत्तीसगढ़ी संस्कृति का मजाक उड़ाते थे, उनको आज नतमस्तक होना पड़ रहा है। यह छत्तीसगढ़ की जीत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को 15 साल तक मौका मिला था, न छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर बनाई, न राजकीय गीत बनाया और न ही तीज-त्योहार मनाए। जब से हमारी सरकार बनी है, छत्तीसगढ़ की परंपरा से जुड़े तीज-त्योहारों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में खुशहाली का वातावरण है। भाजपा के कार्यकाल में किसान आत्महत्या करने को बाध्य होते थे। आज किसान चिंता से मुक्त हैं। छत्तीसगढ़ के गांव-शहर में खुशी का वातावरण बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल केंद्रीय मंत्री अमित शाह हरेली के दिन आए थे, उन्होंने गोमाता की पूजा की, वह भी हमारी नकल कर रहे हैं। आज छत्तीसगढ़िया हीनभावना से ग्रसित नहीं है। आज छत्तीसगढ़िया बासी खाकर खुशी महसूस करता है। छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया का नारा पूरे प्रदेश और देश-दुनिया में जाना जा रहा है।
सीएम बघेल को भ्रम कि उनके आने के बाद लोग मना रहे हरेली : साव
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि आज से ही त्योहारों की शुरुआत होती है। हर तरफ बड़े हर्षोल्लास के साथ हरेली मनाया जा रहा है। साव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ऐसा दिखावा न करें कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से हरेली मनाया जाना शुरू हुआ है। हमारी संस्कृति और सभ्यता समृद्ध है। सीएम बघेल के कारण लोग हरेली नहीं मना रहे।
भूपेश बघेल को भ्रम हो गया कि छत्तीसगढ़वासी उनके आने के बाद हरेली मना रहे हैं। यह उनका अहंकार है, जो अब आने वाले समय में टूट जाएगा। हमेशा से छत्तीसगढ़ लोक पर्व, लोक संस्कृति का ध्वजवाहक रहा है। छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है और हरेली किसानों को समर्पित है।
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