जबलपुर, धार। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में धार जिले में बाओबाब वृक्ष की कटाई, परिवहन व विक्रय पर रोक लगा दी है। इसी के साथ राज्य शासन, मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व सीसीएफ, कलेक्टर इंदौर व सीईओ जिला पंचायत सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया है।
स्थानीय नागरिक कर रहे इसके विक्रय का विरोध
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संज्ञान के आधार पर इस मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरु की। दरअसल, धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, परिवहन व विक्रय की खबरें समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थीं। जिनमें उल्लेख किया गया था कि जागरूक स्थानीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटे जाने, परिवहन व विक्रय की अनुमति दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
एक पेड़ की कीमत 10 लाख से ज्यादा
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि बाओबाब बेशकीमती वृक्ष है, जिसे अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गई है। वहां के आर्थिक विकास में इन वृक्षों का विशेष महत्व है। हैदराबाद निवासी एक व्यापारी अपने धार स्थित फार्म में आर्थिक लाभ के लिए बाओबाब वृक्ष लगाए। फिर कटाई, परिवहन व विक्रय में जुटे हैं। बाओबाब के एक वृक्ष की कीमत 10 लाख रुपये से अधिक है। यही वजह है कि दूसरे लोग भी अपने खेतों में लगे बाओबाब के वृक्ष काटने लगे हैं। जिसकी जानकारी लगने पर समाचार प्रकाशित हुए।
पेड़ की खासियत
इस पेड़ को दुनिया का सबसे पुराना माना जाता है। इसकी जड़ें ऊपर होती है। यह हजारों लीटर पानी का संग्रहण कर लेता है। औषधीय गुणों के कारण इसके पेड़ की कीमत ज्यादा बताई जाती है।
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